प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: डॉ. शांडिल

प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध: डॉ. शांडिल

अक़्स न्यूज लाइन,शिमला--30 दिसंबर

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि दिव्यांगजनों को आवास के लिए ऋण उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत प्रदेश सरकार ने दिव्यांगजन स्वावलम्बन योजना आरम्भ की है। इस योजना के तहत दिव्यांगजनों को 50 लाख रुपये तक ऋण प्रदान किया जा रहा है। यह जानकारी उन्होंने आज यहां हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम के निदेशक मंडल की 50वीं बैठक की अध्यक्ष्ता करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को व्यक्तिगत उपयोग के लिए उपांतरित (मॉडिफाईड) स्कूटर, बाईक व चौपहिया वाहन खरीदने के लिए भी विशेष ऋण योजना आरम्भ की गई है।
डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। इसी दृष्टिकोण के साथ विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम क्रियान्वित किए जा रहे हैं। निगम द्वारा अभी तक 5296 लाभार्थियों को 153.38 करोड़ रुपये के ऋण प्रदान किए जा चुके हैं। निगम द्वारा 3381 अल्पसंख्यकों को 93.65 करोड़ रुपये तथा 1876 दिव्यांगजनों को 57.59 करोड़ रुपये के सावधि ऋण प्रदान किए गए हैं। शिक्षा ऋण योजना के तहत अल्पसंख्यक लाभार्थियों को 1.37 करोड़ रुपये तथा दिव्यांगजनों को 77 लाख रुपये ऋण के रूप में प्रदान किए गए हैं।  

उन्होंने निगम की कार्य प्रणाली की सराहना करते हुए अधिक से अधिक लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में निगम के पांच नए शाखा कार्यालय खोलने पर भी विचार किया जाएगा।

प्रदेश सरकार का लक्ष्य सभी क्षेत्रों का समान व संतुलित विकास तथा गरीब व पिछड़े वर्गों का उत्थान है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में संसाधन सृजन पर अधिक से अधिक ध्यान केन्द्रित किया जाए ताकि आने वाले दस सालों में हिमाचल देश का सबसे अग्रणी व आत्मनिर्भर राज्य बनकर उभरे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की जन हितैषी योजनाओं से लोगों के जीवन में सुखद बदलाव आ रहा है। हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों व बेसहारा वर्गांे के लिए कानून के तहत योजना बनाने वाला पहला राज्य बना है। सरकार ने चार हजार अनाथ बच्चों को चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट के रूप में अपनाया है, जिसके तहत अब तक उन्हें 17.18 करोड़ रुपये के लाभ हस्तांतरित किए जा चुके हैं।
बैठक में निगम के प्रबन्ध निदेशक प्रदीप कुमार ठाकुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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