पारंपरिक पौष्टिक व्यंजनों और मोटे अनाज को अपने आहार में करें शामिल
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सभी को अपने जीवन में स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार एवं मोटे अनाज का प्रयोग करना चाहिए। विशेषकर माताओं, बहनों, बच्चों और बुजुर्गों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए और हरी पत्तेदार सब्जियों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए।
एसडीएम ने बताया कि मोटे अनाज जैसे-ज्वार, बाजरा और कोदा इत्यादि पौष्टिक गुणों से भरपूर होते हैं। इन्हें अपने भोजन में अवश्य शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि परंपरागत व्यंजनों का प्रयोग करने से न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि हमारे शरीर को छोटे-मोटी बीमारियों से लड़ने के लिए भी ताकत मिलती है। बालक-बालिका स्पर्धा की चर्चा करते हुए एसडीएम ने बताया कि इसके अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों के वजन, लंबाई और अन्य स्वास्थ्य मानकों की मॉनीटरिंग की जा रही है।
इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी कुलवंत सिंह ने भी लोगों का मार्गदर्शन किया और बाल विकास परियोजना अधिकारी ने जनसमूह को विभागीय योजनाओं की जानकारी दी तथा पोषण को जन अभियान बनाने बारे आह्वान किया। क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने पोषण स्टॉल लगाकर जनसमुदाय को पौष्टिक आहार की महत्ता बताई। समूह गान के माध्यम से भी पोषण अभियान के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ पर लघु नाटिका भी प्रस्तुत की गई तथा क्षेत्र की प्रतिभाशाली बेटियों को इसी योजना के तहत पुरस्कृत किया गया। शिविर में पर्यवेक्षक अभिषेक ठाकुर, अन्य अधिकारी और क्षेत्र की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहीं।