मंडी शहर में एक-दो दिन में पेयजल आपूर्ति सामान्य हो जाएगी: सैणी

उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को पाहनाला क्षेत्र में बादल फटने से उहल नदी में बाढ़ आने तथा पानी के साथ अत्यधिक गाद आ गई थी जो कि इस पेयजल योजना के इंटेक स्ट्रक्चर तथा डी-सिस्ंिटग टैंक में भारी मात्रा में भर गई थी। इंटेक स्ट्रक्चर में बैठी गाद को साफ करने के लिए विभाग द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य किया गया जो कि 2 मार्च देर रात तक जारी रहा। उन्होंने बताया कि रात के करीब 10 बजे पानी को मुख्य ग्रेविटी पाईप लाइन में डाल दिया गया जो कि सुबह 3 बजे के करीब कांगणीधार स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंच गया था, जिसके फलस्वरूप आज 3 मार्च सुबह से पेयजल आपूर्ति को सुचारू करने का प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि जिन क्षेत्रों मंे 2 दिनों से पानी की आपूर्ति नहीं हो पाई थी, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर आपूर्ति की गई।
अधिशाषी अभियंता ने बताया कि जब उहल नदी से निर्मित पेयजल योजना दो दिन बाधित रही, उस दौरान मंडी शहर में पड्डल पंप हाउस से पानी की पंपिंग 24 घंटे की गई, जिससे पानी की राशनिंग करके शहर के अलग-अलग क्षेत्रों को पानी उपलब्ध करवाया गया तथा जिन क्षेत्रों में देवताओं के ठहरने की व्यवस्था की गई थी, उन स्थानों पर लगभग एक दर्जन टैंकरों से भी पेयजल उपलब्ध करवाया गया।
उन्होंने बताया कि उहल नदी से बनी पेयजल योजना एक ऐसी योजना है जो सामान्य स्थिति में पूरा वर्ष 24 घंटे मंडी शहर को पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध करवाने में सक्षम है, परन्तु दो-तीन सालों से मौसम में आए अचानक बदलाव से ऊपरी क्षेत्रों में अत्याधिक बारिश तथा बादल फटने की घटनाएं आम बात हो गई है, जिसके कारण से उहल नदी में अत्याधिक बाढ़ आने की स्थिति लगभग हर साल वर्षा ऋतु में बन जाती है।
उन्होंने मंडी शहरवासियों से आग्रह किया है कि वे ऐसे समय संयम बरते तथा विभाग का सहयोग करें। उन्होंने उपभोक्ताओं से अपने घरों में पेयजल भंडारण क्षमता बढ़ाने का भी आग्रह किया है।