नही मिले वित्तीय लाभ, एचआरटीसी चालकों-परिचालकों ने सरक ार के खिलाफ खोला मोर्चा जमकर प्रर्दशन किया

नही मिले वित्तीय लाभ, एचआरटीसी चालकों-परिचालकों ने सरक ार के खिलाफ खोला मोर्चा जमकर प्रर्दशन किया

अक्स न्यूज लाइन, नाहन 05 मार्च :  
 मुख्यमंत्री के आश्वासन दिए जाने के बाद भी वित्तीय लाभ न दिए जाने मामले से खफा नही एचआरटीसी चालकों-परिचालकों ने आज बस अड्डे में सरक ार केखिलाफ मोर्चा खोलते हुए जमकर प्रर्दशन किया। इस दौरान प्रर्दशनकारियों ने नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री की आड़े हाथों लिया। 
यूनियन के स्टेट चेयरमैन मिलाप चंद ने बताया कि हमारा जन जागरण अभियान 12वें दिन में प्रवेश कर चुका है। हमने पिछले महीने 20 तारीख को सरकार को नोटिस दिया था, जिसमें अपनी सभी मांगे स्पष्ट रूप से रखी थीं। इनमें चालकों और परिचालकों का यात्रा भत्ता, ओवरटाइम जो कि ₹107 करोड़ रुपये बकाया है, और ₹50,000 की किस्त शामिल है, जो प्रदेश के अन्य सभी कर्मचारियों को मिल चुकी है लेकिन HRTC के कर्मचारियों को अभी तक नहीं मिली।

उन्होंने कहा सरकार ने इस मुद्दे पर 6 मार्च तक का समय मांगा था, लेकिन अभी तक हमारी मांगे पूरी नहीं की गई हैं। यदि सरकार और प्रबंधन कल तक कोई ठोस निर्णय नहीं लेते हैं, तो आंदोलन का रास्ता अपनाने का फैसला लिया जा सकता है।
वहीं परिचालक यूनियन के राज्य उपाध्यक्ष नवीन ठाकुर ने कहा कि सरकार की ओर से चालक-परिचालकों को सिर्फ आश्वासन दिए जा रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को लंबे समय से दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कई बार यूनियन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से लंबित वितीय लाभों के मुद्दे पर चर्चा की है। मुख्यमंत्री ने जल्द ही भुगतान की राशि जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक चालक-परिचालकों के खातों में कोई धनराशि नहीं पहुंची है, जिससे वे परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

नवीन ठाकुर ने कहा कि 6 मार्च को राजधानी शिमला में यूनियन की एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित होगी, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार और प्रबंधन कल तक कोई ठोस निर्णय नहीं लेते हैं, तो बैठक में आंदोलन का रास्ता अपनाने का निर्णय लिया जा सकता है।

HRTC कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से अपने वित्तीय लाभों के भुगतान की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन सरकार की अनदेखी से वे मजबूर हो रहे हैं। यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे, जिससे प्रदेशभर में बस सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।