धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान 15 से 30 जून, 2025 तक - उपायुक्त

उपायुक्त ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का उद्देश्य ज़िला में जनजातीय समुदाय के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान में 26 राज्य और 04 केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि अभियान में उन गांव को सम्मिलित किया गया है जहां अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक है। उन्होंने कहा कि अभियान के अंतर्गत सोलन ज़िला की 09 ग्राम पंचायतों के 10 गांव को सम्मिलित किया गया है। इनमें नालागढ़ उपमण्डल की बैरचा, मस्तानपुर, गोल जमाला, धाना, कौंडी, मलपुर, लेही, मखनु माजरा गांव तथा पट्टा उपमण्डल के कारूवाना व कम्बरवाला गांव शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि यह अभियान सोलन ज़िला में 15 जून से 30 जून, 2025 तक कार्यान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत जनजातीय परिवारों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कौशल विकास, उद्यमिता संवर्धन और स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के सम्बन्धित गांव में अधिक से अधिक मोबाइल मेडिकल यूनिट्स (एमएमयू) की स्थापना की जाएगी, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत ग्रामीण विकास, जल शक्ति, विद्युत, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, कौशल विकास, कृषि, दूरसंचार और जनजातीय विभाग प्रमुख रूप से शामिल होंगे।
मनमोहन शर्मा ने कहा कि यह अभियान केंद्र सरकार द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। इसमें प्राथमिकता के आधार पर जनजातीय समुदाय को सामाजिक और आर्थिक मुख्यधारा से जोड़ने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि आगामी पांच वर्षों में जनजातीय आबादी के समग्र विकास के लिए ठोस कार्य किए जाएंगे ताकि जनजातीय आबादी को बुनियादी सेवाओं का सीधा लाभ मिलेगा और इन लोगों का जीवन सरल बन सके।