राष्ट्रीय दुग्ध दिवस का आयोजन
कार्यक्रम के दौरान मिल्क फेड के वक्ताओं ने राष्ट्रीय दुग्ध दिवस पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डा0 वर्गिस कुरियन जिन्हें भारत में श्वेत क्रांति का जनक माना जाता है के जन्मदिन के उपलक्ष में उनके डेयरी सेक्टर में किए गए योगदान को याद करने के लिए भारत में हर वर्ष यह दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। डा0 वर्गिस कुरीयन ने वर्ष 1970 में भारत में ऑपरेशन फ्लड प्रोग्राम शुरू किया। उस समय भारत में दुग्ध का उत्पादन 22.2 मिलीयन टन था और प्रति व्यक्ति प्रति दिन दुग्ध की उपलब्धता केवल 107 ग्राम थी। उनके प्रयासों से आज भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादन देश बन गया है। अब प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दुग्ध की उपलब्धता 459 ग्राम हो गई है, जोकि विश्व औसत में 322 ग्राम से अधिक है जबकि हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दुग्ध की उपलब्धता 595 ग्राम है। इसके अलावा कुल दुग्ध उत्पादन का भारतीय जीडीपी में लगभग 5 प्रतिशत योगदान है और 8 करोड़ सीमांत एवम लधु किसान इस कारोबार से जुड़े है तथा दुग्ध उत्पादन की वार्षिक आय 8.5 करोड़ से अधिक है।
कार्यक्रम में नाहन के तीन स्कूलों के लगभग 30 बच्चों एवं आम अपभोक्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में चित्रकारी, प्रश्नोत्तरी और अन्य प्रतियोगिता करवाई गई व विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए गए।
इस अवसर पर मिल्क फेड के कर्मचारी व अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।