शीतकालीन आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी
एसडीएम ने शीतलहर, आग दुर्घटनाओं, सड़क दुर्घटनाओं और अन्य आपात स्थितियों के लिए सभी संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। अग्निशमन विभाग को आगजनी रोकने के लिए सभी उपकरणों को सक्रिय रखने और महत्वपूर्ण संस्थानों जैसे अस्पताल, स्कूल और सरकारी कार्यालयों की अग्नि सुरक्षा की जांच करवाने के निर्देश दिए गए। साथ ही, कार्यालयों में अग्नि सुरक्षा ऑडिट करवाने पर भी जोर दिया गया।
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (DEOC) को सक्रिय रखते हुए आपात स्थितियों में पूर्व चेतावनी और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है। पुलिस विभाग को समय पर दुर्घटनाओं और आपदाओं की सूचना जिला प्रशासन को देने के लिए कहा गया, ताकि समय रहते सभी उपाय किए जा सकें। बागवानी और कृषि विभाग को पाले से बचाव के लिए पाला-रोधी फसलों के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए जन जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
लोक निर्माण विभाग को घने कोहरे वाले क्षेत्रों में साइनेज बोर्ड और अतिरिक्त रोशनी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए गए। जल शक्ति विभाग को अग्निशामक हाइड्रेंट्स की आवश्यक जलापूर्ति बनाए रखने के लिए कहा गया है, ताकि आगजनी जैसी स्थितियों में त्वरित कार्रवाई हो सके। सर्दियों के दौरान बेघर लोगों के लिए सराय या आश्रय की समुचित व्यवस्था करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं।
एसडीएम ने नगर परिषद के अधिकारियों को शहर में आवारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए विशेष कदम उठाने और इन पशुओं को गौशालाओं में भेजने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बस स्टैंड और रैन बसेरों में रात बिताने वाले लोगों के लिए उचित प्रबंध सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। जरूरतमंद लोगों के लिए कंबलों की व्यवस्था हेतु एनजीओ और रेड क्रॉस को भी आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है।
सभी विभागों को शीतकालीन तैयारियों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके। एसडीएम ने सभी विभागों से आपसी समन्वय बढ़ाकर कार्य करने और शीतलहर तथा आपात स्थितियों में जन सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया।