अक्स न्यूज लाइन गोहर, 3 अक्तूबर :
जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जाईका) के अंतर्गत चल रही हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना, चरण–II के तहत ब्लॉक परियोजना प्रबंधन इकाई गोहर द्वारा किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों से जोड़ने के उद्देश्य से लहसुन वितरण एवं प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के अंतर्गत एफआईएस गवाड़, सुरथी-थाची, गद्दीमन-मझोठी, बरजोरू-कोट, खरखन खड्ड-लेहोटी, देओली-देलग टिक्करी, कंसा खड्ड-पलहोटा, नोगी खड्ड-काण्डलू और काण्डलू-बिठरी क्षेत्रों में लहसुन की फसल के प्रदर्शन प्लॉट लगाए गए। इस अवसर पर किसानों को खेत की तैयारी और बुआई की आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी गई।
अधिकारियों ने बताया कि खेतों की उचित तैयारी से बुआई के समय गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है। किसानों को जीएचसी-1 किस्म का लहसुन वितरित किया गया। इसके उपरांत आयोजित प्रदर्शन कार्यक्रम में बुआई की वैज्ञानिक विधि का प्रत्यक्ष प्रदर्शन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर किसान पौधों और पंक्तियों के बीच बहुत कम दूरी रखते हैं, जिससे उत्पादन प्रभावित होता है। कार्यक्रम के दौरान किसानों को उचित दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई, जिसे उन्होंने मौके पर ही अपनाया और सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
साथ ही, किसानों को उठी हुई क्यारियों में लहसुन की खेती करने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि वे पारंपरिक एवं आधुनिक तकनीकों के बीच के अंतर को स्वयं अनुभव कर सकें। किसानों ने स्वीकार किया कि पहले वे पौधों के बीच पर्याप्त दूरी नहीं रखते थे, लेकिन अब नई विधि अपनाने से उन्हें बेहतर पैदावार और गुणवत्ता की उम्मीद है।
कार्यक्रम के दौरान किसानों को किचन गार्डन स्थापित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया, जिससे वे अपने परिवार की सब्जी की आवश्यकताएं घर पर ही पूरी कर सकें। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से खेती के लिए प्रेरित करना और उनकी आय में वृद्धि करना है।