गो सदन के सामने जख्मी बैल मिला : 1962 हेल्पलाइन पर मिला जवाब आपके पास कुछ बंदे है तभी होगी शिकायत दर्ज...

अक्स न्यूज लाइन नाहन 20 अगस्त :
नेशनल हाईवे देहरादून- चंडीगढ़ पर नाहन के गो सदन के सामने बैठे एक भारी भरकम जख्मी बैल को इलाज के लिए रेस्कयू करने के लिए जब जब वैटनरी विभाग की हेल्प लाइन 1962 पर कॉल की गई तो पहले तो मदद करने का भरोसा दिलाया गया लेकिन अगले पल हेल्प लाइन से जवाब मिला मोके पर अगर आपके पास कुछ बन्दे है तभी आपकी कॉल रजिस्टर होगी।
हाइवे पर रोजाना आने जाने वाले लोगों ने बताया कि यह जख्मी गोवंश पिछले कई दिनों से इसी हालत में है। वेटनरी विभाग की मोबाइल वैन से इलाज के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन की दरकार है। लेकिन इलाज न होने के कारण बैल की हालत बिगड़ रही है। लेकिन हेल्प लाइन का जवाब सुनकर हैरानी हुई। उधर सरकार ने लाखों का बजट लगा कर मोबाइल वैन उपलब्ध करा रखी है ताकि पशु धन का तत्काल बिना समय गवांए इलाज किया जा सके।
आलम यह है कि मोबाइल वैन तभी आयेगी जब बन्दे मौके पर होंगे यह बेवजह है। फील्ड में या हाइवे पर तो मोबाइल वेन के साथ उचित स्टाफ आना चाहिए। जबकि हेल्प लाइन से कहा गया है आप वेन भेज दें मदद के लिए गो सदन से कर्मचारियों का इंतजार कर देंगे एक नही सुनी।
उधर मिली जानकारी के अनुसार मोबाइल वैन में एक डॉक्टर, फॉर्मिस्ट व चालक अलग से होता है। हाइवे व अन्य स्थानों पर घूम रहे बेसहारा गोवंश को उठाकर जिले कोटला भड़ोग काऊ सेंचुरी में भेजने का प्रावधान अलग किया गया है।
आरोप है सम्बंधित विभाग ऐसे गोवंश को भेजने के नाम पर एक दूसरे की जिम्मेदारी बता कर आना कानी करते रहते हैं और वे बेजुबान गोवंश सड़कों पर वाहनों की टक्कर से घायल हो कर या अन्य बीमारी से तडपता मिलेगा।
इधर इस मामले में वैटनरी अस्पताल के चिकित्सक डॉ संदीप ने कहा कि अगर मोबाइल वेन नहीं पहुचीं तो वो अपने स्तर पर बैल के इलाज का बंदोबस्त करेंगे।