रणधीर ने सरकार को लिया आड़े हाथ कहा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्य को रोकने की मंशा

रणधीर ने सरकार को लिया आड़े हाथ कहा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्य को रोकने की मंशा

अक्स न्यूज लाइन शिमला 27 जनवरी : 

 भारतीय जनता पार्टी हिमाचल प्रदेश मीडिया विभाग के प्रभारी रणधीर शर्मा ने अपने ब्यान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी का आरोप है कि हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार, केंद्र सरकार के प्रोजेक्टों को रोकने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कांगड़ा जिला में केंद्रीय विश्वविधालय स्वीकृत किया गया था। इसके लिए देहरा और धर्मशाला दोनों जगह जमीन देखी गई और निर्णय हुआ कि दोनों जगह अलग-अलग कैंपस बनेंगे। भारतीय जनता पार्टी की सरकार के समय जमीन तय हुई और जमीन की फॉरेस्ट क्लीयरेंस के मामले आगे बढ़े। जो विश्वविधालय का कैंपस देहरा में बनना था, उस जमीन की कीमत और फॉरेस्ट ने पेड़ों की कीमत थी वह उस समय भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अदा कि और उसके बाद देहरा में कैंपस का कार्य शुरू हुआ, जिसका शिलान्यास उस समय के केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने किया था और साथ ही धर्मशाला में जो कैंपस बनना है, उसका भी शिलान्यास हो गया था। उसकी जमीन के फॉरेस्ट क्लीयरेंस का मामला चल रहा था और पिछले साल से वह केंद्र के वन विभाग ने प्रदेश सरकार से उस कैंपस में वन विभाग की जमीन और उसके पेड़ों की कीमत 30 करोड़ की अदायगी करने के लिए कहा था। 1 जुलाई 2023 को यह आवेदन केंद्र सरकार का आया था परन्तु प्रदेश सरकार ने इतना समय बीत जाने के बाद भी जो 30 करोड़ की हिस्सेदारी प्रदेश सरकार की थी वह जमा नहीं करवाई, जिसके कारण वन विभाग की एनओसी मिल नहीं रही और धर्मशाला में केंद्रीय विश्वविधालय के कैंपस का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है। उन्होंने अपने ब्यान में  वर्तमान प्रदेश सरकार से भारतीय जनता पार्टी की मांग है कि प्रदेश सरकार के 30 करोड़ जो अदायगी है वह तुरंत जमा कराए। ताकि धर्मशाला में भी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कार्य को शुरू किया जा सके।

केंद्रीय विश्वविद्यालय के करीब 510 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट को 30 करोड़ रुपये की दरकार है। इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 30 करोड़ रुपये जमा न करवाए जाने से धर्मशाला के जदरांगल में 30 प्रतिशत बनने वाला सीयू का नार्थ जोन कैंपस ,लटक गया है। यह साफ दिखता है कि कांग्रेस सरकार इस प्रोजेक्ट को रोकने का पूर्ण प्रयास कर रही है। 
जदरांगल में सीयू के निर्माण को लेकर 57.10 हेक्टेयर भूमि पर निर्माण को मंजूरी मिली चुकी है। इसके बावजूद फीस जमा न होने के कारण इसका निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। दूसरी ओर देहरा में बनने वाले सीयू के 70 फीसदी कैंपस का निर्माण कार्य जोरों-शोरों से चला है। वर्ष 2009 में स्वीकृत हुए प्रोजेक्ट को 510 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। दोनों कैंपसों के निर्माण को 476 करोड़ रुपये के टेंडर तक बुलाए हैं। इसके चलते देहरा में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, लेकिन जदरांगल के लिए 30 करोड़ की दरकार है। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के धर्मशाला के जदरांगल में बनने वाले 30 प्रतिशत निर्माण का कार्य मात्र इस कारण रुका हुआ है कि प्रदेश सरकार को केंद्रीय वन मंत्रालय सहित कुछ अन्य विभागों के पास करीब 30 करोड़ रुपये जमा नहीं करवा रही है।