केंद्रीय राशि के वितरण में भाई भतीजावाद,बंदरबांट और भ्रष्टाचार ....... केंद्र सरकार मददगार, प्रदेश की कांग्रेस सरकार गैर जिम्मेदार : डॉ सिकंद्र
अक्स न्यूज लाइन ..नाहन, 09 सितंबर
सिरमौर, भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं राज्य सभा सांसद सिकंद्र कुमार ने कहा की केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी है, पर अफसोस से बात यह है की प्रदेश की सरकार केंद्र से दिए जाने वाले ग्रांट का सदुपयोग नहीं कर पा रही है।
आपदा की घड़ी में राजनीति करने वाली कांग्रेस केवल मात्र दोषारोपण का खेल, खेल रही है। केंद्रीय राशि के वितरण में भाई भतीजावाद,बंदरबांट और भ्रष्टाचार हो रहा है। कांग्रेस के इस रवैया से हिमाचल की जनता परेशान , त्रस्त है।
उन्होंने कहा की जहां प्रदेश में आपदा के समय लोगों के घर और जमीने नष्ट हो गई है, वहीं केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अन्तर्गत हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावित पात्रों के लिए 6500 घरों के निर्माण की मंज़ूरी दी, पर इन लोगों के लिए जमीन उपलब्ध करवाना प्रदेश सरकार का दायित्व है, जिस पर वह काम नहीं कर रहे है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राहत राशि के रूप में हिमाचल प्रदेश को 850 करोड़ से ज्यादा की राशि उपलब्ध करवाई है, वहीं नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 450 करोड़ स्वीकृत करवाए। यही नहीं हिमाचल प्रदेश में सड़कों और फूलों के निर्माण का खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी जिसका खर्च लगभग 9000 करोड रुपए होगा।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने 2700 करोड रुपए की राशि स्वीकृत की है इससे प्रदेश की छोटी-छोटी सड़कों को बनाया भी जाएगा और मरम्मत भी की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विभिन्न केंद्र योजनाओं के अंतर्गत करोड़ों रुपए के हिसाब से पैसा भेजा जा रहा है ,जिसकी तुलना आपदा से नहीं की जा सकती। इसका फायदा भी हिमाचल प्रदेश को हो रहा है। जैसे तेज बहाव और भू-स्खलन की भेंट चढ़ी सड़कों की मरम्मत को सेंट्रल रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (सीआरआईएफ) पहुंचना शुरू हो गया है। सीआरआईएफ में राहत की दृष्टि से सड़कों के रखरखाव पर 101 करोड़ 82 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। यह भी केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को बड़ी राहत है।
उन्होंने कहा की इस दौरान एनडीआरएफ ने करीब एनडीआरएफ ने इस वर्ष आपदाओं से निपटने के लिए करीब 50 ऑपरेशन चलाए, जिसमें 1500 से ज्यादा लोगों को बचाया गया, जबकि 5000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित किया गया व लगभग 30 डेड बॉडीज निकाली गईं। प्रदेश में करीब इस प्रकार की 18 टीमें हैं, जिनमें इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी इंचार्ज होता है और ये टीमें प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं । प्रत्येक टीम में लगभग 47 प्रशिक्षित जवान तैनात होते हैं, जिनमें करीब 30 जवान हर समय तैनात रहते हैं ।