हमीरपुर के 1,21,934 बच्चों एवं नवयुवाओं को दी जाएगी कृमिनाशक दवा

उन्होंने कहा कि बच्चे के पेट में कृमि होने पर उसका शारीरिक विकास प्रभावित हो सकता है और वह अनीमिया जैसी बीमारी की चपेट में भी आ सकता है। इसलिए, 19 वर्ष तक के हर बच्चे एवं युवा के लिए कृमिनाशक दवाई बहुत ही जरूरी है। उपायुक्त ने कहा कि प्रवासी बच्चे और किन्हीं कारणों से स्कूल छोड़ चुके बच्चे भी इस अभियान में विशेष रूप से कवर होने चाहिए।
जिला में स्वास्थ्य विभाग के अन्य प्रतिरक्षण एवं टीकाकरण कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि कई गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए छोटे बच्चों को अलग-अलग समय पर कुल 12 प्रकार की वैक्सीन दी रही हैं और जिला में इसकी कवरेज की प्रतिशतता काफी अच्छी है। जिला में 99.7 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी भी अस्पतालों में ही हो रही है।
उपायुक्त ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच और बच्चों की वैक्सीनेशन की ऑनलाइन मॉनीटरिंग के लिए प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम-2 (आरसीएच-2) आरंभ किया जा रहा है। इसमें सभी गर्भवती महिलाओं को वेब पोर्टल पर पंजीकृत किया जाएगा और इनके स्वास्थ्य की जांच से लेकर बच्चों के टीकाकरण तक के शेडयूल की ऑनलाइन निगरानी की जाएगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की गंभीर बीमारियों का इलाज एवं सर्जरी निशुल्क की जाती है। छोटे बच्चों के कटे होंठ की प्लास्टिक सर्जरी और अन्य बड़े ऑपरेशन भी मुफ्त किए जाते हैं। जिला में हाल ही में 4 बच्चों की निशुल्क सर्जरी की गई है।
बैठक में सीएमओ डॉ. प्रवीण चौधरी और जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अजय अत्री ने विभिन्न कृमि मुक्ति दिवस और अन्य प्रतिरक्षण कार्यक्रमों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस अवसर पर सभी बीएमओ और अन्य विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।