आपदा से बचाव एवं जोखिम कम करने विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित
मनमोहन शर्मा ने कहा कि सोलन एक पहाड़ी क्षेत्र है और यहां प्राकृतिक आपदाओं का हमेशा खतरा बना रहता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा को रोका नहीं जा सकता, लेकिन जागरूक व्यक्ति जीवन और संपत्ति के नुकसान को न्यून करने में सहायक बन सकता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा जैसे भूकम्प व भूस्खलन से निपटने के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है ताकि जानो-माल का कम से कम नुकसान हो।
उन्होंने कहा कि लगातार बढ़ते शहरीकरण के कारण बाढ़, खराब जल प्रबंधन, तेजी से ढांचागत विकास और हिमालय क्षेत्र जैसे पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों मे भूकंप और भूस्खलन की समस्या आम हो रही है। इसके बचाव के लिए भी समाज को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यशाला में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा प्रबंधन संस्थान तथा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रो. संतोष कुमार ने आपदा प्रबंधन के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर इंसीडेंस रिस्पांस सिस्टम विशेषज्ञ राजेश भाटिया ने आपदा से संबंधित बचाव तथा घटना प्रतिक्रिया प्रणाली विषय पर जानकारी प्रदान की। उन्होंने अवगत करवाया कि खतरों की पहचान करना आपदा प्रबंधन का पहला चरण है और आपदा की प्रकृति और प्रभाव सूक्ष्म जानकारी होना अनिवार्य है।
कार्यशाला में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सलाहकार और विशेषज्ञ दिलीप कुमार ने भी विषय पर सारगर्भित जानकारी प्रदान की। कार्यशाला में पुलिस अधीक्षक सोलन गौरव सिंह, अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव, गृह रक्षा समादेशक संतोष शर्मा, उपमंडलाधिकारी सोलन डॉ. पूनम बंसल, उपमंडलाधिकारी कंडाघाट सिद्धार्थ आचार्य, कार्यकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित रंजन तलवार, आपदा प्रबंधन विशेषज्ञ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और आपदा मित्रों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।