अक्स न्यूज लाइन शिमला 14 अगस्त :
एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने छात्र मांगों को लेकर बुधवार को विश्वविद्यालय मे धरना प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन में बात रखते हुए सचिवालय सदस्य अमन ने कहा की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में नया सत्र शुरू हो चुका है लेकिन अभी तक नए छात्रों को हॉस्टल प्रोवाइड नहीं किए गए हैं उनका कहना है कि छात्रों को रहने में काफी समस्या आ रही है विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रख रहा है लेकिन अभी तक जो छात्रों की मूलभूत सुविधाओं को पूरा नहीं कर पाई है छात्रों के लिए नई बसे खरीदी नहीं जा रही है छात्र बस की समस्याओं से जूझ रहा है।
धरना प्रदर्शन में विस्तार पूर्वक बात रखते हुए कैंपस उपाध्यक्ष भानु ने कहा की दो दिन पहले एनआईआरएफ की रैंकिंग निकली जाती है जिसमें हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय 200 से भी बाहर हो चुका है भानू ने कहा की विश्वविद्यालय में शोध का स्तर लगातार नीचे की तरफ गिर रहा है इसका मुख्य कारण 2020 में हुई प्रोफेसर भर्ती है इसमें पूरी तरीके से विश्वविद्यालय प्रशासन ने फर्जीवाड़ा किया है इसमें 70% प्रोफेसर फर्जी तरीके से भरने का काम किया गया। इस प्रोफेसर भर्ती के ऊपर एसएफआई ने 13000 पन्नों की आरटीआई निकली थी जिसमें 70% प्रोफेसर भरे गए थे उन्होंने कहा पीएचडी में भी फर्जी प्रवेश किए गए हैं जो विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने चहेतो को भरने का काम किया है जिससे विश्वविद्यालय का स्तर नीचे की तरफ गिर रहा है लगभग 4 साल हो चुके हैं हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय 200 से बाहर चला गया है।
उन्होंने आगे बात रखते हुए कहा की हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का स्तर गिरने का मुख्य कारण विश्वविद्यालय में हो रही फर्जी प्रोफेसर भर्ती और एचडी में फर्जी ऐडमिशन को कराया जा रहा है और साथ ही साथ छात्रों को मूलभूत सुविधाओं से दूर रखा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के अंदर लगभग दो साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक कांग्रेस सरकार कुलपति की नियुक्ति नहीं कर पाई है जिसके कारण हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में कुलपति न होने के कारण काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
एसएफाई ने आज इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी है अगर छात्रों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो एसएफाई सभी छात्रों को लामबंद करते हुए बड़े आंदोलन की शुरुआत करेगी जिसका विश्वविद्यालय प्रशासन को सामना करना पड़ेगा।