स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल की अध्यक्षता में एचपीएमएफडीसी की 53वीं बैठक आयोजित

एचपीएमएफडीसी अल्पसंख्यक समुदायों को पर्यटन एवं कृषि अथवा कृषि संबंधित गतिविधियों, पारंपरिक व्यवसायों, कारीगरी, तकनीकी या लघु उद्योगों, परिवहन एवं सेवा क्षेत्र हेतु अधिकतम 30 लाख रुपये तक के टर्म लोन की सुविधा प्रदान करता है। इन कार्यों में जनरल स्टोर, ढाबे, कपड़े की दुकान, डेयरी यूनिट, मेडिकल शॉप, कंप्यूटर शॉप, टेंट हाउस, नाई की दुकान, ट्यूबवेल, मधुमक्खी पालन और टैक्सी इत्यादि की स्थापना, सुदृढ़ीकरण अथवा विस्तार शामिल हैं।
निगम द्वारा अधिकतम 20 लाख रुपये तक की शिक्षा ऋण सुविधा भी प्रदान की जाती है, साथ ही स्वयं सहायता समूहों को ऋण और मशीनरी एवं उपकरण खरीदने हेतु भी ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं।
डॉ. शांडिल ने योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहंुचाने के लिए सामुदायिक स्तर पर सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक संगठनों की सक्रिय भागीदारी से योजनाओं का बेहतर प्रचार-प्रसार और प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा। इससे जानकारी का अभाव भी मिटेगा और योजनाओं का लाभ अधिक लोगों तक पहुंचेगा।
31 मार्च 2025 तक एचपीएमएफडीसी द्वारा 106.56 करोड़ रुपये के ऋण 3635 लाभार्थियों को वितरित किए गए हैं जबकि एचपीडीएफडीसी द्वारा 64.05 करोड़ रुपये के ऋण 1962 लाभार्थियों को प्रदान किए गए हैं। एचपीएमएफडीसी के अधिकांश लाभार्थी सिरमौर (1590), शिमला (589), सोलन (390), चंबा (315), बिलासपुर (286), मंडी (253), कुल्लू (56), कांगड़ा (43), ऊना (38), किन्नौर (18), लाहौल-स्पीति (11) तथा हमीरपुर (8) से हैं।
बैठक में 2025-26 के लिए राजस्व बजट, पारदर्शिता एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक एवं वैधानिक ऑडिटरों की नियुक्ति तथा निदेशकों की नियुक्ति सहित विभिन्न एजेंडों पर चर्चा कर उन्हें स्वीकृति दी गई।
डॉ. शांडिल ने कहा कि राज्य सरकार सभी वर्गों, विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के समावेशी विकास और सशक्तिकरण के लिए विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन कर रही है। इस अवसर पर एचपीएमएफडीसी के प्रबंध निदेशक मनोज कुमार, सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अशीष सिंहमार, निदेशक इसोमसा सुमित खेमटा, विशेष सचिव (वित्त) विजय वर्धन और निदेशक मंडल के सदस्य उपस्थित थे।