सिरमौर जिला में आपदा प्रबंधन व रिस्क आंकलन विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता मुख्य कार्यकारी अधिकारी (डी.डी.एम.ए.)- सह- अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी सिरमौर, लायक राम वर्मा ने की। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने बताया कि इस दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला (22 व 23 अगस्त 2024) का मुख्य उद्देश्य ज़िला सिरमौर में आपदा से होने वाले नुकसान को न्यून से न्यून करने के प्रति लोगों को जागरूक करना है साथ ही में ऐसे असुरक्षित भवनों को भी चिन्हित करना है जो कि भूकंप एवं भूस्खलन के कारण अत्यधिक संवेदनशील एवं कमजोर है। उन्होंने कहा कि सीबीआरआई, रुड़की की तकनीकी व वैज्ञानिक टीम के सहयोग से जिला सिरमौर के उपमण्डल नाहन, पांवटा साहिब, शिलाई, पच्छाद एवं राजगढ़ की पूर्व निर्धारित ग्राम पंचायतों व अन्य चिन्हित क्षेत्रों के लगभग 2000 घरों/भवनों का भूकम्प तथा भूस्खलन से बचाव के लिए आगामी दिनों में मूल्यांकन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन से समुदायों के सामने आने वाले आपदा जोखिमों को कम करने के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी। इस योजना को धरातल पर सफल बनाने हेतु फील्ड विजिट के लिए विभिन्न प्रकार की टीमों का गठन कर कार्य को संपूर्ण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला में आपदा के विभिन्न पहलुओं जैसे भूकम्प, भूस्खलन, बाढ़, आगजनी, बादल फटना इत्यादि विषयों पर सारगर्भित चर्चा की जाएगी। कार्यशाला में लोक निर्माण विभाग, ज़िला ग्रामीण विकास अभिकरण, हिमुडा, राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग तथा खण्ड विकास अधिकारी कार्यालयों के लगभग 50 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला में स्रोत व्यक्तियों के रूप में सीबीआरआई, रुड़की के प्रधान वैज्ञानिक व निरीक्षक, एम. एम. दालबेहेरा, वैज्ञानिक आशीष कपूर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करेंगे।
इस अवसर पर जिला राजस्व अधिकारी चेतन चौहान, वित्त योजना अधिकारी, प्रताप प्राशर, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सिरमौर से राजन कुमार शर्मा व अरविंद चौहान एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।