हाटी समिति का ऐलान अब पांच दिसंबर को नाहन में होगा प्रदर्शन, आरोप सरकार ने लटका रखा है मामला
अक्स न्यूज लाइन .. नाहन, 03 दिसम्बर
हिमाचल प्रदेश सरकार हाटियों के सब्र की परीक्षा न ले। यदि हिमाचल प्रदेश सरकार ने शीघ्र ही हाटी बिल को लागू नहीं किया तो मजबूरन जिला सिरमौर के गिरिपार के हाटी समुदाय को सड़क पर उतरना पड़ेगा। यह बात जिला मुख्यालय नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्रीय हाटी समिति गिरिपार के पदाधिकारी ने कही। केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारी का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार खासकर जिला सिरमौर से संबंध रखने वाले और शिलाई निर्वाचन क्षेत्र के विधायक वर्तमान में उद्योग एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं।
केंद्रीय हाटी समिति का कहना है कि गिरिपार के 1. 60 लाख हाटियों को 56 वर्षों के बाद उनका हक मिला है , लेकिन अब हिमाचल प्रदेश सरकार इस मुद्दे को लटकाने और भड़काने का कार्य कर रही है। केंद्रीय हाटी समिति का कहना है कि केंद्र द्वारा तमाम औपचारिकताएं पूरी होने के बाद भी गिरीपार क्षेत्र के लोगों को जनजातीय क्षेत्र का लाभ नहीं पा रहा है और प्रदेश सरकार मामले को लटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेशो के बाद इलाके के लोगों को एसटी के प्रोविजनल प्रमाण पत्र जारी हो रहे है तो सरकार क्यों एसटी के प्रमाण पत्र जारी नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में रहने वाले गिरिपार इलाका के लोगों द्वारा 2 दिसंबर को चंडीगढ़ में इस मामले को लेकर प्रदर्शन किया गया और अब 5 दिसंबर को सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन में एक बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा जिसमे बड़ी संख्या में हाटी समुदाय के लोग शामिल होंगे। उन्होंने कहा कहा कि सिरमौर जिला से कांग्रेस के विधायक हाटी समुदाय के लोगों के हितैषी होने का दावा करते हैं और यदि वह हितेषी है तो 5 दिसंबर को नाहन में आयोजित होने वाले प्रदर्शन में समुदाय के लोगों का साथ दे।
उन्होंने कहा कि आज तक गिरिपार इलाके के लोगों ने शालीनता का परिचय दिया है , मगर अब उन्हें मजबूरन सड़कों पर उतरकर अपना विरोध जाहिर करना पड़ रहा है जिसके लिए आप किसी भी सूरत से गुजरने के लिए समुदाय के लोग तैयार है।
केंद्रीय हाटी समिति के पदाधिकारी का कहना है कि दो दिसंबर को हिमाचल प्रदेश सरकार में जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई ,
जिसमें केंद्रीय हाटी समिति को भी आमंत्रित किया गया था , लेकिन इस बैठक में कोई ठोस परिणाम नहीं निकला , जिसके चलते केंद्रीय हाटी समिति को मजबूरन बैठक का बहिष्कार करना पड़ा। केंद्रीय हाटी समिति का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार में उद्योग एवं आयुष मंत्री हर्षवर्धन चौहान इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है। समिति का कहना है कि जिस प्रकार हर्षवर्धन चौहान इस मुद्दे पर राजनीति कर रहे हैं उसे अब गिरी पार का युवा सहन नहीं करेगी। केंद्रीय हाटी समिति का कहना है कि हर्षवर्धन चौहान ने बैठक में भी वोटों की राजनीति की बात की जो न्याय उचित नहीं है।
केंद्रीय हाटी समिति ने हिमाचल प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि यदि दो दिनों के भीतर इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो पांच दिसंबर को जिला मुख्यालय नाहन में केंद्रीय हाटी समिति के बैनर तले गिरिपार क्षेत्र के सैकड़ो युवा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जब गिरिपार के 1. 60 हाटियों को उनका हक दिया गया है तो हिमाचल प्रदेश सरकार इस पर क्यों राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि 56 वर्षों के बाद जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के लोगों को उनका हक मिला है।
बावजूद इसके भी कुछ राजनेता इस मुद्दे पर वोटो की राजनीति कर रहे हैं , जिसे सहन नहीं किया जाएगा।
जिला मुख्यालय नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता में केंद्रीय हाटी समिति के महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री , मुख्य सलाहकार सुरेंद्र हिंदुस्तानी , कर्नल नरेश ठाकुर , संतराम राणा , गीता राम तोमर , कुंदन सिंह ठाकुर , अरुण चौहान और लाल सिंह आदि पदाधिकारी उपस्थित रहे।