सेब सीजन 2024 की तैयारियों को लेकर उपायुक्त तोरुल एस रवीश की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन बहुदेश्यीय अधिवेशन हाल मे किया गया । उपायुक्त ने कहा कि सेब सीजन शुरू हो रहा है और बागवानी विभाग के एक अनुमान के अनुसार इस साल जिला में पिछले साल की तुलना में सेब की फसल अधिक होने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि सेब सीजन सुचारू ढंग से चले इसके लिये अभी से सभी हितधारक तैयारियां शुरू कर दें। बैठक में अवगत करवाया गया कि सेब विपणन के लिये कार्टन की कोई कमी नहीं है। इसी प्रकार ट्रकों की भी कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि फल उत्पादक संघों व आढ़तियों ने इस बात को सुनिश्चित बनाया है कि ट्रकों की उपलब्धता तथा किराये की दरें वे आपसी सहमति से तय कर लेते हैं। इसमें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आती है।
उपायुक्त ने कहा कि जिला की किसी भी सब्जी मण्डी में आने वाले ट्रक व छोटे वाहन बेतरतीब पार्क न हो इसके लिए एपीएमसी सचिव और पुलिस विभाग यह सुनिश्चित बनाएं । ट्रक केवल फल व सब्जी लोड करने के लिए सब्जी मण्डी में प्रवेश करें और तुरंत वहां से बाहर निकल जाएं। सब्जी मंडियों के आस -पास यातायात की व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए उन्होंने पुलिस तथा होमगार्ड के अतिरिक्त बलों की तैनाती करने को कहा। उन्होंने कहा कि मुख्य सड़कों पर दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही को सुचारू बनाने के लिए जरूरी है कि मुख्य राजमार्ग के किनारे फल लाने व ले जाने वाले वाहनों की अनावश्यक पार्किंग न की जाए। इसके लिए कुछ अन्य स्थलों का निर्धारण करने के लिए तथा उन्हें अधिसूचित करने के लिए आरटीओ कुल्लू की अध्यक्षता में कमेटी गठन के निर्देश दिए । उन्होंने इस संबंध में आढ़तियों व ट्रक यूनियनों से भी सहयोग करने की अपील की। उपायुक्त ने कहा कि सीजन के दौरान सब्जी मंडियों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उपायुक्त ने निर्देश दिए की लुहरी से खेग्सू सडक , तथा खराहल घाटी के देहनीधार सड़क को यातायात के लिए ठीक करवाएं । उन्होंने उपमंडल स्तर पर भी सभी उपमंडल अधिकारियों को इससे संबंधित बैठक करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं से कहा कि विशेषकर सेब सीजन के दौरान संपर्क मार्गों को सही हालत में रखें। ट्रकों की उपलब्धता पर ट्रक यूनियनों ने कहा कि वे अपने स्तर पर यह व्यवस्था कर लेते हैं और ट्रकों को लेकर किसी प्रकार की कमी नहीं होती। फल उत्पादकों संघों के प्रतिनिधियों ने कहा कि ट्रकों में निर्धारित मानदंडों के आधार पर ही फलों की लोडिंग की जानी चाहिए। ओवरलोडिंग से अनेक फल वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं जिससे ठेकेदार व फलोत्पादक सभी को नुकसान पहुंचता है।
एपीएमसी की ओर से जानकारी दी गई कि सीजन की शुरुआत लोअर बेल्ट से हो चुकी है तथा पलम की फसल मंडी में आनी शुरू हो गई है। सेब की अर्ली वैरायटी भी जून के माह में मंडी में पहुंच जाएगी तथा इटालियन वैरायटी के सेब जैसे कि रेडलम गाला, रेड वेलोक्स इत्यादि भी जून के माह में ही मंडी में पहुंचने के लिए तैयार हैं। जानकारी दी गई की कल्लू के अधिकतर क्षेत्र से जून माह से ही मंडी में पहुंचना शुरू हो जाता है जबकि बंजार व खेग्सू क्षेत्र से जुलाई माह में सेब का आना शुरू होगा ।
बैठक में जानकारी दी गई की मंडी में आने वाली 20 किलो सेब की क्रेट पर 2 किलो क्रेट का वजन काटने का नियम है, यदि इस नियम की अवहेलना होती है तो बागवान इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों को दे सकते हैं।
एपीएमसी की तथा उद्यान विभाग के अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई कि गत वर्ष एपीएमसी के 39 सेब क्रय केंद्र स्थापित किए गए थे तथा इस वर्ष भी एपीएमसी के क्रय केंद्र मंडियों में ही स्थापित किए जाएंगे ताकि बागवान सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से कम पर अपना उत्पाद बेचने पर मजबूर न हो।
बैठक की कार्यवाही का संचालन सहायक आयुक्त शशीपाल नेगी ने किया।बैठक में आरटीओ कुल्लू राजेश भंडारी,जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा, एपीएमसी की सचिव शगुन सूद सहित, कृषि व बागवानी विभागों के अधिकारी, फल उत्पादक संघ व ट्रक एसोसिएशन के पदाधिकारियों सहित अन्य हितधारक भी बैठक में उपस्थित रहे।