सुख सरकार ने कामगारों के बच्चों की उच्च शिक्षा का सपना किया साकार

धर्मशाला तहसील के नरवाणा खास गांव के लखबीर सिंह, लेख राज, ज्वाली की रेणु देवी जैसे कई कामगारों ने कामगार कल्याण बोर्ड से वितीय मदद मिलने बाद अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य को संवरते हुए देखा है। कामगार लखबीर सिंह की दो बेटियों को पढ़ाई के लिए 72000 हजार की वित्तीय मदद मिली है जिसमें एक बेटी ईशा सैणी एमएससी प्रथम वर्ष और दूसरी बेटी वंशिक जमा दो की पढ़ाई कर रही है। इसी तरह से लेख राम की बेटी जमा एक की पढ़ाई कर रही है इन्हें 12000 की वितीय सहायता मिली है वहीं रेणु देवी की दोनों बेटियों को 96000 की वितीय मदद मुहैया करवाई गई हैं उनकी एक बेटी एमए तथा दूसरी बेटी बीए की पढ़ाई कर रही है।
लखबीर ने हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में वर्ष-2023 में पंजीकरण करवाया था। पंजीकरण के उपरांत, बोर्ड की ओर से उनके बच्चों को शिक्षा के लिए लगभग 72 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। यह आर्थिक सहायता उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर एक मजबूत कदम साबित हुई। रेणु देवी ने भी 2023 में ही बोर्ड में पंजीकरण करवाया है उनको बेटियों की पढ़ाई के लिए अब तक 96000 की वितिय मदद मिल चुकी है। लखवीर सिंह का कहना है, अगर सरकार की आर्थिक मदद नहीं मिलती तो बच्चे पढ़ नहीं पाते। आज उन्हें आगे बढ़ते देख कर लगता है कि मेहनत रंग लाई है। उनका कहना है कि यह कहानी न केवल एक परिवार की सफलता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकारी योजनाएं जब जरूरतमंदों तक पहुंचती हैं, तो वे जीवन को संवार सकती हैं। कांगड़ा जिला में गत एक वर्ष में कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से 160 कामगारों के बच्चों को शिक्षा के लिए एक करोड़ 17 लाख की वितीय सहायता उपलब्ध करवाई है।
कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव कंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के संवेदनशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार का यह संकल्प है कि कोई भी होनहार बच्चा केवल संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों से वंचित न रहे। कामगार कल्याण बोर्ड जैसे प्रयास इसी दिशा में एक मजबूत कड़ी हैं, जो राज्य के निर्माण में लगे मजदूरों को सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, सम्मान और संभावनाओं से भरा भविष्य भी देते हैं।