विद्यालय प्रवक्ताओं की अनदेखी पर सरकार पर निशाना साधा संघ ने
नाहन,13 सितंबर : हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने विद्यालय प्रवक्ताओं की अनदेखी पर सरकार पर निशाना साधा है। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, जिला महासचिव आई.डी.राही, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा, राज्य कार्यकारणी सदस्य संजय शर्मा, रमेश नेगी ने जारी एक संयुक्त बयान में कहा कि 1986 में नई शिक्षा नीति 10-2- 3 के तहत प्रत्येक चुनाव क्षेत्र में वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खोला गया तथा जमा एक व जमा दो कक्षाओं को महाविद्यालय के साथ-साथ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाए जाने लगा। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर साथ ही मुख्याध्यापक एवं प्रवक्ता, विद्यालय संवर्ग की तत्कालीन केडर संख्या के मध्यनजर क्रमश: 40:60 के अनुपात में प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के नियम बने।
तत्पश्चात वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों की संख्या निरंतर बढ़ती गई परंतु प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के नियमो मे कोई परिवर्तन नहीं हुआ। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने बताया कि लंबी जद्दोजहद एवं संघर्ष के बाद मुश्किल से प्रवक्ता संघ शिक्षा विभागाध्यक्ष को यह बात मनवाने में सफल हुए कि इन नियमों में प्रवक्ताओं की बढती संख्या के मध्यनजर प्रधानाचार्य पद हेतु प्रवक्ता संवर्ग का अनुपात बढना चाहिए। परिणाम स्वरुप इन नियमों को 50: 50 किया गया। पुंडीर ने क हा कि वर्तमान परिस्थित मे कदाचित उचित नही क्योंकि प्रवक्ताओं को 20 से 25 वर्ष की सेवा उपरांत भी पदोन्नति नही मिल पा रही तथा अधिकतर प्रवक्ता पद से ही सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जिला अध्यक्ष ने कहा कि दूसरी वेतन विसंगति 1996 एवं 2006 के संशोधित वेतनमान में विद्यालय प्रवक्ताओं को अन्य विभागों के समकक्ष कर्मचारी अथवा अधिकारीयों के समान वेतन नही मिल पाया है।
जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने कहा कि 2006 के वेतनमान में सरकार से बात करने के उपरांत 2012 में प्रवक्ता वर्ग का ग्रेड पे 4200 से बढ़ाकर 5400 अवश्य किया गया परंतु प्रारम्भिक वेतनमान को 5400 ग्रेड पे के अनुकूल 20300 नही किया गया। उन्होने कहा कि फलस्वरूप 2016 के वेतन नियमं में हिमाचल प्रदेश के प्रवक्ताओं को अन्य सभी राज्य जैसे पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा आदि से बहुत नीचे रखा गया है। सुरेंद्र पुंडीर ने कहा कि जिसका परिणाम यह हुआ कि हिमाचल के प्रवक्ता विद्यालय संवर्ग को हजारों रूपए प्रतिमाह का नुकसान हो रहा है। संघ ने सरकार से निवेदन करते हुए कहा कि प्रवक्ता संवर्ग के महत्वपूर्ण उतरदायित्व को ध्यान मे रखते हुए। उन्हे सम्मानजनक वेतन के साथ पदोन्नति के अधिकअवसर दिए जाए।
प्रवक्ताओं के वेतनमान हेतु 2012 की अधिसूचना में उचित संशोधन किया जाए तभी वेतन विसंगति को दूर किया जा सकता है। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर ने कहा कि अतिरिक्त विद्यालय प्रवक्ताओं को महाविद्यालय में प्रवक्ता पद पर पदोन्नति, सभी खंडों पर अतिरिक्त खंड शिक्षा अधिकारियों अथवा खंड परियोजना अधिकारियों के पद सृजित करने के साथ जिला परियोजना अधिकारी के अतिरिक्त पद सृजित होने चाहिए तथा प्रत्येक विद्यालय में उप.प्रधानाचार्य के स्थाई पद सृजित किया जाना नितांत आवश्यक है।