ब्रिटश राज में ..........एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने .......सेंट्रल विस्टा को डिजाइन किया था....... जानिए इसके बारे में....

ब्रिटश राज में ..........एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने .......सेंट्रल विस्टा को डिजाइन किया था....... जानिए इसके  बारे में....

न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  28-05-2023
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया। यह निर्माण कार्य सेंट्रल विस्टा रि.डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इससे पहले पिछले साल सितंबर में सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का उद्घाटन और जुलाई में नए संसद भवन की छत पर बनाए गए अशोक स्तंभ का भी अनावरण  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर चुके है।
नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक के 3,2 किमी लंबे क्षेत्र को सेंट्रल विस्टा कहते हैं। दिल्ली के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में शामिल इस इलाके की कहानी 1911 से शुरू होती है। उस समय भारत में अंग्रेजों का शासन था। कलकत्ता उनकी राजधानी थी लेकिन बंगाल में बढ़ते विरोध के बीच दिसंबर 1911 में किंग जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने का ऐलान किया। दिल्ली में अहम इमारतें बनाने का जिम्मा मिला एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को। इन दोनों ने ही सेंट्रल विस्टा को डिजाइन किया। आजादी के बाद सेंट्रल विस्टा एवेन्यू की सड़क का भी नाम बदल दिया गया और किंग्सवे राजपथ बन गया। इसका नाम भी अब कर्तव्य पथ हो गया है।
 नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक दोनों को नेशनल म्यूजियम में बदला जाएगा। संसद की मौजूदा इमारत को पुरातात्विक धरोहर में बदल दिया जाएगा। मौजूदा जामनगर हाउस को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में बदल दिया जाएगा।
इसके साथ ही चार नई इमारतें नए सिरे से बनाने की योजना है। इसमें नए संसद भवन का निर्माण हो चुका है। इसके बाद उप.राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री आवास के साथ नया सेंट्रल सेक्रेटेरिएट बनाया जाएगा। इसी सेंट्रल सेक्रेटेरिएट में सरकार के भी मंत्रालय और उनके ऑफिस शिफ्ट किए जाएंगे।
राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच की सड़क और उसके दोनों ओर के इलाके को सेंट्रल विस्टा एवेन्यू कहते हैं। यह सड़क जो किंग्स वे के नाम से बनी थी। आजादी के बाद इसका नाम राजपथ हो गया। आठ सितंबर 2022 को इसका नाम कर्तव्य पथ हो गया। 
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों ने पांच अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। 
नए संसद भवन पर 971 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान जताया गया था। हालांकि अब इस पर 1200 करोड़ खर्च होने की बात कही जा रही है। पूरे प्रोजेक्ट की बात करें तो इसके तहत जिन पांच परियोजनाओं पर कार्य होना है उनमें से चार पर काम शुरू हो चुका है। इन चारों पर कितना खर्च आएगा इसकी जानकारी सरकार ने जुलाई 2022 में लोकसभा में दी थी। उप राष्ट्रपति भवन पर 208:48 करोड़ रुपये और केंद्रीय सचिवाल पर 3:690 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। पूरे प्रोजेक्ट पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च हो सकता है। केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों की ओर से 13:450 करोड़ रुपए का क्लियरेंस मिल चुका है। जानकारी के अनुसार नए संसद भवन में फू लप्र्रुफ साइबर सिस्टम लगा है।