रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में रोगी कल्याण समिति की बैठक आयोजित
अक्स न्यूज लाइन .. शिमला, 02 दिसम्बर
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां दीन दयाल उपाध्याय (रिपन) क्षेत्रीय अस्पताल में रोगी कल्याण समिति की बैठक ली।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान राज्य सरकार उपेक्षित एवं वंचित वर्गों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि शिमला जिला में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जा रहा है और घरद्वार पर आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती चरणबद्ध तरीके से की जा रही है और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।
कैबिनेट मंत्री ने रोगी कल्याण समिति की बैठक में 2023-24 वित्तिय वर्ष के आय एवं व्यय पर गहनता से विचार-विमर्श किया और उपस्थित स्वास्थ्य अधिकारियों से परस्पर संवाद के माध्यम से विस्तृत चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने सीटी स्कैन और एमआरआई टेस्ट के मूल्य पर चर्चा की और इन सुविधाओं को वंचित वर्गों के कल्याण के लिए इस्तेमाल करने पर सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने अस्पताल परिसर में कैंटीन की दरों, मिल्क बूथ, जन औषधि केन्द्रों व आउटसोर्स कर्मियों के विषयों पर विस्तृत चर्चा की और रोगी कल्याण समिति को व्यवसायिक दुकानों से आय अर्जित करने के निर्देश दिए और निजी संस्थानों से आह्वान किया कि वे काॅरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत अंशदान करें ताकि निर्धन वर्गों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके।
रोहित ठाकुर ने दीन दयाल उपाध्याय क्षेत्रीय अस्पताल में चिकित्सा सुविधाएं सुदृढ़ करने का आश्वासन दिया और प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू के समक्ष अस्पताल के विस्तार के संदर्भ में चर्चा करने का आश्वासन दिया।
चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. लोकेन्द्र शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और अस्पताल की विभिन्न गतिविधियों पर विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेखा चोपड़ा ने मुख्यातिथि के समक्ष अस्पताल की विभिन्न समस्याओं की जानकारी दी और रोगी कल्याण समिति की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरीश जनारथा, महापौर सुरेन्द्र चौहान, चिकित्सा अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।
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