राज भवन में उत्तराखंड के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम आयोजित
अक्स न्यूज लाइन .. शिमला, 9 नवम्बर
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल की अध्यक्षता में उत्तराखंड राज्य के 23वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज यहां राज भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर एक भारत, श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत देश के सभी राज्यों के स्थापना दिवस पर राज भवन में आयोजन का उद्देश्य देश के लोगों में आपसी प्रेम व सौहार्द की भावना को बढ़ाना तथा देश को एकता के सूत्र में पिरोना है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल व उत्तराखंड वीरों की भूमि है। उत्तराखंड को देश का ऐसा राज्य होने का गौरव प्राप्त है जिसके सबसे अधिक नागरिक गत 10 वर्षों से भारतीय सेना में बतौर अधिकारी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उत्तराखंड विनिर्माण उद्योग, पर्यटन और बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए एक महत्त्वपूर्ण गंतव्य के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड अपार प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है। वहां की बहुमूल्य वनस्पतियों और दुर्लभ जीव-जन्तुओं व लुप्तप्रायः प्रजातियों का स्थल भी माना जाता है। देश-विदेश के पर्यटकों का वर्षभर वहां आवागमन रहता है। यह प्रदेश धार्मिक पर्यटन के लिए भी प्रसिद्ध है और देश के प्रत्येक प्रांत से श्रद्धालु चार धाम यात्रा के लिए श्री बद्रीनाथ, श्री केदार नाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री के दर्शनों के लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की पहचान इसकी सांस्कृतिक विरासत है।
यहां की विविध संस्कृति, भाषा, त्यौहार, रहन-सहन, खान-पान की विविधता देश को एकसूत्र में पिरोने का काम करती है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर शिमला में रहने वाले उत्तराखंड के मूल निवासियों को सम्मानित भी किया।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर की छात्राओं ने हिमाचल नाटी के अलावा उत्तराखंड का लोकनृत्य प्रस्तुत किया।
राज्यपाल ने लोकनृत्य की मनमोहक प्रस्तुति पर छात्राओं को 31000 रुपये देने की घोषणा की। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ल ने अपनी ओर से सभी छात्राओं को एक-एक हज़ार रुपये की राशि प्रदान की।
उत्तराखंड राज्य के स्थापना दिवस पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह का वीडियो संदेश तथा राज भवन द्वारा उत्तराखंड राज्य पर बनाई गई लघु फिल्म का भी प्रसारण किया गया।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, उत्तराखंड राज्य के वरिष्ठ एवं आमजन तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।