वित्तीय सुधारों के नाम पर कर्मचारियों का गला घोंटना बन्द करे सरकार: रजनीश

उन्होंने कहा कि जब वर्तमान सरकार ने ओपीएस देने जैसा साहसिक निर्णय लिया था। राज्य के हर कर्मचारी संघठन ने पूरी ईमानदारी से सरकार का समर्थन किया। परन्तु इसके उपरान्त जो भी राज्य सरकार ने वित्तीय सुधारों को लेकर फैसले किये हैं, उनमें अधिकतर कर्मचारी विरोधी ही रहे हैं। राज्य की कमजोर आर्थिक स्थिति और प्राकृतिक आपदाओं का हवाला देकर कर्मचारियों के आर्थिक हितों को छीनना सरासर अन्यायपूर्ण है।
रजनीश ने कहा कि कर्मचारीवर्ग प्रदेश की वर्तमान वित्तीय स्थिति से परिचित है और काफी समय से लम्बित पड़े डीए एरियर के भुगतान को लेकर चुप हैं, लेकिन कर्मचारियों के मूल हितों से खिलवाड़ करना किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि इस अधिसूचना को शीघ्र वापिस लिया जाए और डीए की किश्तें के भुगतान के लिए घोषणाओं का आश्वासन देने की बजाय समय पर अधिसूचना जारी करे, अन्यथा राज्य के लाखों कर्मचारियों को संघर्ष के रास्ते पर ले जाने हेतु मजबूर करने के लिए सरकार स्वयं उत्तरदायी होगी।
संयुक्त बयान में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ज़िला ऊना के महासचिव राजेश कुमार, वरिष्ठ उप-प्रधान तारा सिंह, राज्य प्रतिनिधि राजीव पाठक, प्रेस सचिव संजीव मारकर, हरोली खण्ड के प्रधान हरजिन्दर सिंह तथा महासचिव प्रेम जसवाल शामिल थे।