राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सफलतापूर्वक संचार मॉक ड्रिल का आयोजन किया

इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य राज्य में आपातकालीन संचार नेटवर्क की सहनशीलता, तत्परता की जांच करना तथा उसमें संभावित खामियों की पहचान करना था। इस संचार मॉक अभ्यास के दौरान हिमाचल प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों जैसे तिस्सा (चंबा), डोडरा-क्वार (शिमला), केलांग (लाहौल-स्पीति), रिकांगपिओ (किन्नौर), बड़ा भंगाल (कांगड़ा) और कुगती (चंबा) में वॉयस कॉल के माध्यम से संचार की स्थिरता एवं पहुंच की पुष्टि की गई। इसके अतिरिक्त, वी-सैट टर्मिनलों के माध्यम से जम्मू और कश्मीर, दिल्ली हब, रिकांगपिओ (किन्नौर) तथा बंगलुरु (कर्नाटक) में स्थित नियंत्रण कक्षों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की गई, जिससे वास्तविक आपदा स्थितियों के संचार परिदृष्यों का अनुकरण किया गया। इस अवसर पर उपग्रह संचार उपकरणों की तकनीकी जांच भी की गई।
मॉक ड्रिल के दौरान कुल 227 आई-सैट फोन का परीक्षण किया गया जिसमें हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के 114, संचार और तकनीकी सेवाएं शाखा (पुलिस) के 34, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल के 9, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के 14, बांध प्राधिकरण के 45, जीआरईएफ (दीपक परियोजना) के 8, आईटीबीपी के 2 तथा सेना का एक उपकरण शामिल है। इसी दौरान कुल 144 वी-सैट फोन का भी परीक्षण किया गया। जिसमें संचार और तकनीकी सेवाएं के 141 तथा संचार और तकनीकी सेवाएं (फ्लाई-वे) के तीन उपकरण शामिल हैं।