नई किस्मों और तकनीक की जानकारी खेत तक पहुंचाए वैज्ञानिक - संजय रत्न
सभापति ने कहा कि विश्वविद्यालय किसानों-बागवानों के लिए कार्यान्वित की जा रही योजनाओं तथा विभिन्न फलों की तैयार नई किस्मों के बारे में किसानों-बागवानों को वृहद् स्तर पर जानकारी दें ताकि इनके माध्यम से प्रदेश की आर्थिकी को मज़बूत किया जा सके।
समिति ने कहा कि यह विश्वविद्यालय हिमाचल की आर्थिकी को सुदृढ़ करने का आधार स्तम्भ बन सकता है। इसके लिए आवश्यक है कि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक न केवल स्वयं खेत तक पहुंचे अपितु विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को सूचना, शिक्षा तथा संप्रेषण कार्य में प्रयुक्त करें। समिति ने विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को निर्देश दिए कि ग्राम स्तर पर शिविर आयोजित कर किसानों-बागवानों को फल इत्यादि की नई किस्मों और उन्नत तकनीक की जानकारी प्रदान करें। समिति ने कहा कि वैज्ञानिक जानकारी का खेत तक पहुंचाना आवश्यक है।
समिति ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक किसान प्राकृतिक खेती से जुड़कर लाभान्वित हो सकंे। विश्वविद्यालय को निर्देश दिए गए कि सेब के साथ-साथ हिमाचल की जलवायु के अनुरूप अन्य फलों की बेहतर किस्में तैयार करने के लिए समुचित अनुसंधान करें।
समिति ने नौणी विश्वविद्यालय के लम्बित ऑडिट पैरों की उचित कार्यवाही कर रिपोर्ट एक माह के भीतर समिति को प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल ने समिति को विश्वास दिलाया कि उनके निर्देशों का समुचित पालन किया जाएगा। समिति ने इसके उपरांत जटोली मंदिर में पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों के सुखी जीवन की कामना की।
समिति ने इसके उपरांत बघाट अर्बन सहकारी बैंक पहुंचकर बैंक के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की और उचित निर्देश जारी किए। इस अवसर पर समिति के सदस्य एवं विधायक सर्वश्री डॉ. हंसराज, कुलदीप सिंह राठौर, विवेक शर्मा, बघाट बैंक के अध्यक्ष अरुण शर्मा, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह सहित नौणी विश्वविद्यालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।