भूंकप से बचाव के लिए ईमारतों की रेट्रोफिटिंग जरूरी : डीसी

बुधवार को धौलाधार होटल में हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से सिविल इंजीनियरों के लिए भूकंप रेट्रोफिटिंग और मरम्मत तकनीकों पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ करने के उपरांत उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील है, इसलिए यहां के घरों और इमारतों को भूकंप रेट्रोफिटिंग की आवश्यकता है। यह तकनीक भूकंप से होने वाले नुकसान को कम करने में मदद करती है। भूकंप रेट्रोफिटिंग से इमारतों में रहने वाले लोगों की जानमाल की सुरक्षा होती है। उन्होने बताया कि कांगड़ा जिला में अभी तक 10 ईमारतों की रेट्रोफिटिंग के लिए राज्य आपदा प्रबन्धन ने पैसे जारी किए हैं। इन 10 ईमारतों में अस्पताल और स्कूल शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के लिए 30 ईमारतों का चयन किया गया है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक डीसी राणा ने कहा कि राज्य सरकार भी आपदा प्रबंधन को लेकर उच्च स्तर पर कार्य रही है इस बावत आवश्यक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि हिमाचल में भूकंप जैसी आपदा से होने वाले नुक्सान को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत के सबसे अधिक भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में संरचनात्मक सुरक्षा को बढ़ाने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को पहचानते हुए, हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीएसडीएमए) पूरे राज्य में सुरक्षित निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है। आपदा जोखिम में कमी के लिए सक्रिय कदम उठाने की आवश्यकता है। इसी के दृष्टिगत एचपीएसडीएमए, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद - केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के सहयोग से, इमारतों की संरचनाओं के लिए भूकंप रेट्रोफिटिंग और मरम्मत तकनीकों पर एक राज्य स्तरीय क्षमता निर्माण पर कार्यशाला आयोजित कर रहा है ताकि विभिन्न विभागों के इंजीनियर्स रेट्रोफिटिंग और मरम्मत तकनीकों के बारे में जानकारी ले सकें। इस अवसर पर एडीएम शिल्पी बेक्टा ने कार्यशाला में मुख्यातिथि सहित सभी प्रतिभागियों का आभार भी व्यक्त किया। इस अवसर पर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान से एसके नेगी, डा अजय चौरासिया, ई सुगम प्रजापति, ई आशीष कपूर, ईं जालाज पराशर सहित राज्य भर से विभिन्न विभागों के ईंजीनियर्स उपस्थित थे।