अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर डाइट जुखाला में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

कार्यक्रम के दौरान आपदा प्रबंधन समन्वयक राकेश ठाकुर ने बताया कि संस्थान में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया जिसमें सभी समितियों के सदस्यों ने भाग लिया। इसके पश्चात सभागार कक्ष में “हिमाचल में भूस्खलन और बाढ़ के जोखिम को कम करने में समुदाय की भूमिका”, “आपदा प्रतिरोधी हिमाचल का निर्माण, हमारी जिम्मेदारी, हमारा भविष्य” एवं “पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा प्रतिक्रिया को मजबूत करना” विषयों पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
भाषण प्रतियोगिता में प्रशिक्षणार्थियों ने हिमाचल प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में आपदा प्रबंधन के संबंध में अपने विचार प्रस्तुत किए। द्वितीय वर्ष की छात्रा रजनीश ने आपदाओं से बचाव पर अपने विचार रखे, जबकि प्रथम वर्ष की इंदू ठाकुर एवं रितु शर्मा ने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदाओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके अतिरिक्त आयुष एवं विनय ठाकुर ने भी आपदाओं के प्रति जागरूकता बनाए रखने का आह्वान किया।
आपदा प्रबंधन समन्वयक राकेश ठाकुर ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के महत्व पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व तैयारी, सतर्कता एवं सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से आपदाओं के प्रभाव को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इस अवसर पर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष गोपाल शर्मा के अतिरिक्त संस्थान के प्रवक्ताओं एवं अन्य कर्मचारियों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को प्राथमिक उपचार की स्थिति में सीपीआर देने का व्यावहारिक प्रशिक्षण कुलदीप धीमान द्वारा प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों एवं प्रशिक्षणार्थियों को आपदा प्रबंधन के प्रति संवेदनशील बनाना और स्थानीय स्तर पर जोखिम न्यूनीकरण में उनकी भूमिका को सशक्त बनाना रहा।