जयराम सरकार कर्मचारी विरोधी, कर्मचारियों को उनके हकों से वंचित कर रही सरकारः जोगटा

जयराम सरकार कर्मचारी विरोधी, कर्मचारियों को उनके हकों से वंचित कर रही सरकारः जोगटा

शिमला।
हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एसएस जोगटा ने जयराम सरकार को कर्मचारी विरोधी सरकार करार दिया है। शिमला में एक प्रैस कांफ्रैंस में एसएस जोगटा ने कहा है कि जयराम ने लाखों कर्मचारियों को उनके वित्तीय हकों से वंचित रखा है। सरकार ने कर्मचारियों को पंजाब की तर्ज पर नया स्केल नहीं दिया। कर्मचारियों के वेतन की फिक्सेशन लास्ट ड्रॉन सैलरी  31 दिसंबर 2015 के आधार की जानी थी, लेकिन सरकार ने 31 दिसंबर 2012 के आधार पर फिक्सेशन की। सरकार ने जो वेतनमान दिया भी, उसमें  कर्मचारियों के लिए वेतन विसंगतियां पैदा कर दीं।  सरकार एरियर किश्तों में  दे रही है, वहीं कई कर्मचारियों को किश्तों में भी एरियर नहीं मिल रहा। इसी तरह सरकार ने कर्मचारियों को विभिन्न देय भत्तों से भी वंचित रख कर रखा है।
जोगटा ने कहा कि सरकार ने एक जनवरी 2016 से लेकर 31 दिसंबर 2021 के बीच रिटायर हुए करीब 45 हजार कर्मचारियों को लीव इनकैशमेंट, डीसीआरजी, कम्यूटेशन सहित अन्य वित्तीय लाभों से वंचित रखकर उनके साथ भेदभाव किया है। वहीं जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों को 2016 से नया वेतनमान देने की बजाए सितंबर 2022 से देकर उनके साथ घोर अन्याय किया जा रहा है।
कर्मचारियों को दे रहे चुनाव लड़ने की नसीहत
जोगटा ने कहा कि हिमाचल के कर्मचारी  ओपीएस बहाली के लिए लगातार मांग कर रहे हैं, मगर इसकी आवाज उठाने वाले कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का काम सरकार ने किया। खुद मुख्यमंत्री  कर्मचारियों से कहते हैं कि अगर पैंशन चाहिए तो वे विधायक का  चुनाव लड़ें। यह कर्मचारियों के प्रति सरकार की मानसिकता को दर्शाता है।
आउटसोर्स के लिए सरकार ने कोई पालिसी नहीं बनाई
जोगटा ने कहा कि आज हर वर्ग का कर्मचारी सरकार से निराश और हताश है। हिमाचल में आउटसोर्स पर लगातार भर्तियां की जा रही है, मगर इनको उचित वेतन और इनका भविष्य सुनिश्चित नहीं किया जा रहा। जयराम सरकार ने इनके लिए कोई पालिसी नहीं बनाई।
करूणामूलक युवाओं के साथ किया धोखा
जोगटा ने कहा कि बीते पांच सालों में सरकार ने विभिन्न विभागों, निगमों-बोर्डों में खाली पदों को नहीं भरा। इसके चलते करूणामूलक बेरोजगार युवाओं को भी नौकरियां नहीं मिली।  सरकार ने 5 फीसदी सिलिंग हटाकर इनको  तृतीय श्रेणी से चतुर्थ श्रेणी में आने का आप्शन दिया था। मगर इसके बाद भी इन बेरोजगार युवाओं को चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भी नियुक्तयां नहीं दी गई। जल शक्ति विभाग में 380 करूणामूलक आवेदकों में से एक को भी नियुक्ति नहीं दी, जो सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
जोगटा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के तहत विभिन्न सोसायटियों में कई सालों से  कर्मचारी सेवाएं दे रहे हैं, इनके लिए न तो कोई पालिसी बनाई और न ही उनको उचित वेतनमान दिया।
उन्होंने कहा कि जयराम सरकार ने सैकडों कर्मचारियों को स्थानातरित कर उनको प्रताडित  करने का काम किया। उन्होंने कहा कि सरकार तीन दिनों के भीतर कर्मचारियों को देय लाभ जारी करे, अन्यथा कर्मचारी उसका सता से बाहर का रास्ता दिखाने में देर नहीं लगाएंगे।
इस मौके पर कांग्रेस एससी विभाग के उपाध्यक्ष सैनराम नेगी और हिमाचल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पूर्व वित्त सचिव सुदामा शर्मा भी मौजूद रहे