प्रदेश में सब कुछ चंगा है तो हर जगह क्यों है अराजकता : जयराम ठाकुर
जयराम ठाकुर ने कहा कि नियमानुसार टेंडर प्रक्रिया के द्वारा काम लेकर काम करने वाले लोक निर्माण विभाग के ठेकेदारों के ₹1000 करोड रुपए से ज्यादा का बकाया क्यों है? क्यों उन्हें अपने पैसे पाने के लिए सरकार से हाथ पैर जोड़ने पड़ रहे हैं, मीडिया में आकर क्यों गुहार लगानी पड़ रही है। जहां घोटाला हुआ, जहां लोगों को गंदा पानी पिलाया गया, जहां कार और मोटर साइकिल से पानी ढोया गया वहां पर तो तुरंत भुगतान हो गया तो बाकी जल शक्ति विभाग के ठेकेदारों के भुगतान क्यों रोके गए हैं? प्रदेश के उपमुख्यमंत्री भी माफिया के सामने बेबस नजर आ रहे हैं? क्यों माफिया पर रोक लगाने की गुहार उन्हें अपने ही जिले में जनसभाओं से मंचों से लगानी पड़ रही है? क्या माफिया इतना ताकतवर हो गया है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री उसके सामने बेबस और लाचार नजर आए? या इसके पीछे की कहानी कुछ और है? क्यों लोहड़ी वाले दिन तक एचआरटीसी के पेंशनर्स को पेंशन नहीं मिली थी?
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर सरकार चला रहे मुख्यमंत्री को यह बात समझनी चाहिए कि परिवर्तन सबसे पहले अपने अंदर लाया जाता है। 300 यूनिट फ्री बिजली की गारंटी देकर सत्ता में आए लोग आज प्रदेश के लोगों से कह रहे हैं कि बिजली की सब्सिडी छोड़ दो। क्या मुख्यमंत्री ने 300 यूनिट फ्री बिजली देने के चुनावी गारंटी के लिए माफी मांगी? क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ऊपर लादे गए अपने मित्रों के खर्चे कम किए? क्या थोक के हिसाब से बनाए गए कैबिनेट रैंक सरकार ने हटाए? क्या माननीय हाई कोर्ट द्वारा असंवैधानिक बताए गए सीपीएस को हटाने के आदेश सरकार ने मान लिए? क्या सीपीएस को बचाने की जिद सरकार द्वारा छोड़ दी गई? क्या अब सरकार सीपीएस की नियुक्तियों को जायज ठहराने के लिए करोड़ों रुपए लीगल फीस के तौर पर नहीं देगी? सिर्फ अपनी जिद्द को जस्टिफाई करने के लिए सरकार द्वारा अब तक 10 करोड़ से ज्यादा रुपए लीगल फीस के रूप में दिए गए हैं, अभी न जाने कितने रुपए और दिए जाएंगे। सरकार चाहती है कि वह अपनी मनमर्जी से जनता के पैसों को लुटाती रहे और जनता ही सारा त्याग करे। सवाल सरकार की नीयत का है जहां मुख्यमंत्री सिर्फ जनता से उम्मीद करते हैं और खुद जनता का पैसा पानी की तरह अपने हितों के लिए बहाते हैं।
चालक आत्महत्या मामले की हो निष्पक्षता से जांच
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि धर्मपुर डिपो के चालक की आत्महत्या का मामला अत्यंत हृदय विदारक और पीड़ादाई है। ईश्वर मृत चालक की आत्मा को शांति और परिजनों को संबल प्रदान करें। इस पूरे प्रकरण में जो वीडियो वायरल है उसमें मृतक चालक द्वारा एचआरटीसी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस मामले की निष्पक्षता से जांच हो और पीड़ित को न्याय मिले मेरी सरकार से यही मांग है।