अक्स न्यूज लाइन शिमला 7 मई :
भाजपा के राज्य सभा सांसद हर्ष महाजन ने कहा भारतीय सेवा ने जिस प्रकार से आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया उसके लिए केंद्र सरकार व सेना को शुभकामनाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जवाब मिलेगा और करार मिलेगा और इस एक्शन से जवाब मिला है और करार मिला है।
उन्होंने कहा कि 6 से 7 मई की दरमियानी रात को 1:05 बजे से लेकर 1:30 बजे तक सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। 25 मिनट के इस ऑपरेशन में 24 मिसाइलों के जरिए नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया गया। इन नौ ठिकानों में से पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे, वहीं चार पाकिस्तान में थे। इन ठिकानों में आतंकियों को भर्ती किया जाता था। उन्हें प्रशिक्षित किया जाता था। उनके दिमाग में जहर भरा जाता था। ऑपरेशन सिंदूर में यह खास ध्यान रखा गया कि पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठानों, रिहाइशी इलाकों और आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे।
उन्होंने कहा कि ठिकाने वो उड़ाए जिसमें आतंकी थे। जिन आतंकवादी संगठनों ने भारत को चुनौती दी थी उनके घर में जाकर उनको मारा। पहला ठिकाना सवाई नाला कैम्प, मुजफ्फराबाद, पीओके जो कि नियंत्रण रेखा से 30 किमी दूर था और किसका कैम्प था लश्कर-ए-तैयबा का जिसमें 2024 में सोनगर्म और गुलमर्ग में हुए आतंकी हमलों के साथ-साथ पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को पर्यटकों पर हुए हमले को अंजाम देने आए आतंकियों ने इसी शिविर में प्रशिक्षण लिया था। यह आतंकी शिविर 2000 में शुरू हुआ था। पाकिस्तान की फौज और आईएसआई के अफसर अक्सर यहां आते थे।
दूसरा मरकज सैयदना बिलाल कैम्प, मुजफ्फराबाद, पीओके में किसका कैम्प था जैश-ए-मोहम्मद का जिसमें यहां हथियार, विस्फोटक रखे जाते थे। यहां आतंकियों को घने जंगलों में जिंदा रहने का प्रशिक्षण दिया जाता था। पाकिस्तानी सेना का स्पेशल सर्विसेस ग्रुप यहां पर आतंकियों को ट्रेनिंग देने आता था।
तीसरा गुलपुर कैम्प, कोटली, पीओके में जो नियंत्रण रेखा से 30 किमी दूर था, किसका कैम्प था लश्कर-ए-तैयबा का जहां राजौरी और पुंछ में सक्रिय आतंकी इसी कैम्प से प्रशिक्षण प्राप्त करते थे। पुंछ में 20 अप्रैल 2023 को हुए हमले और रियासी में 9 जून 2024 को तीर्थयात्रियों पर हमला करने आए आतंकियों ने भी यहीं से ट्रेनिंग ली थी।