अक्स न्यूज लाइन शिमला 19 नवम्बर :
एसएफआई के द्वारा आज डी एस महोदय को ज्ञापन सौंपा गया ज्ञापन में एस एफ आई ने बीते शनिवार को देर रात राम कृष्ण ट्रस्ट के मंदिर में हुए पथराव में शामिल हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के MTA विभाग के प्रोफेसर नितिन व्यास और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्रों पर उचित कार्रवाई की मांग की। इस मुद्दे को लेकर आज एस एफ आई विश्वविद्यालय इकाई द्वारा डी एस को ज्ञापन सौंपा गया एसएफआई का साफ तौर पर यह मानना है कि यह हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के लिए निंदनीय घटना है जिसने पूरे प्रदेश में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय का नाम खराब किया है ।
इस मुद्दे पर बात रखते हुए एस एफ आई ने कहा कि इस मंदिर में हुए पथराव में लगभग सभी लोग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के और MTA विभाग के प्रोफेसर नितिन व्यास जी थे इन्हीं लोगो के द्वारा इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया और यही वह लोग हैं जो प्रदेश में भी सांप्रदायिक माहौल को खराब करने का काम कर रहे है ।
एस एस आई का कहना है कि यह वह ABVP है जिसके अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ राकेश प्रदेश है एस एफ आई का कहना है कि किस प्रकार का संदेश प्रोफेसर के द्वारा समाज के लिए दिया जा रहा है यह वही लोग हैं जो इससे पहले संजोली के अंदर भी मस्जिद विवाद में पथराव करने वाले थे ।
एस एफ आई ने कहा कि इस घटना में हिमाचल प्रदेश के प्रोफेसर नितिन व्यास एबीवीपी के अध्यक्ष हनी , इकाई मंत्री आशीष के साथ साथ एबीवीपी के छात्र पीयूष,अंकुश, अक्षय, के छात्र मौजूद थे जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया।
एस एफ आई ने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय लगातार NIRF की रैंकिंग में गिरते जा रही है इसका कारण यही प्रोफ़ेसर है जो छात्रों को इस ओर ले जाने का काम कर रहे है इससे पहले भी एबीवीपी के द्वारा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्रों के ऊपर पथराव किया है एस एफ आई का कहना है कि इस तरह के संगठनों को बैन कर दिया जाना चाहिए जो प्रदेश में सांप्रदायिकता का माहौल तैयार कर रहे हैं और प्रदेश के अंदर बुरा उदाहरण पेश कर रहे हैं ।
एसएफआई हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने चेतावनी देते हुए कहा कि जो प्रोफेसर कक्षाओं में न जाकर राजनीतिक गतिविधियों में भाग ले रहे हैं तथा इस तरह की घटना को अंजाम दे रहे है विश्वविद्यालय का नाम खराब करने का काम कर रहे हैं उन प्रोफेसरो और एबीवीपी के छात्रों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए अन्यथा एस एफ आई सभी छात्रों को लाभबंद करके प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी जिसका जिम्मेदार स्वयं विश्वविद्यालय प्रशासन होगा ।