छात्र मांगों को लेकर विश्वविद्यालय में गरजा विद्यार्थी परिषद - अभाविप

छात्र मांगों को लेकर विश्वविद्यालय में गरजा विद्यार्थी परिषद - अभाविप

अक्स न्यूज लाइन शिमला 10 जून : 
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई उपाध्यक्ष अक्षय ठाकुर जी ने बयान देते हुए कहा कि आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में विद्यार्थी परिषद द्वारा धरना प्रदर्शन किया गया इसका हेतु विश्वविद्यालय छात्रों के लिए नई बसों की सुविधा, गैर शिक्षक पदों की भर्तियां, छात्र संघ चुनाव की बहाली एवं नए छात्रावासों की निर्माण की मांग की गई ।लंबे समय से मांग करने के बाद भी अभी तक विश्वविद्यालय में बसों की मांग पूरी नहीं हुई विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए नई बसों की सुविधा की मांग इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से रखी गई। लंबे समय से पर्याप्त संख्या में बसों की सुविधा न होने के कारण छात्र काफी परेशानियों से जूझ रहा है। लगभग 7 से 8 हज़ार छात्र विश्वविद्यालय में पड़ते है लेकिन सिर्फ तीन बसें विश्वविद्यालय में सेवा में है।


ऐसे ही हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में गैर शिक्षकों की कमी के कारण बहुत से प्रशासनिक कार्य होने के लिए लंबा समय लेते हैं जिसके लिए सरकार से विद्यार्थी परिषद ने मांग रखी की गैर शिक्षकों की भर्ती भी जल्द से जल्द हो। साथ ही साथ विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्र संघ चुनाव को बहाल करने की मांग इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से रखी गई। छात्र संघ चुनाव छात्रों का लोकतांत्रिक अधिकार है जिसे सरकार द्वारा तानाशाही रवैये से छिना गया है। जिसे दोबारा छात्रों को सौंपने की मांग विद्यार्थी परिषद ने की।


विश्वविद्यालय में कम छात्रावास होने के कारण अत्यधिक मात्रा में छात्र किराए का कमरा लेकर विश्वविद्यालय के आसपास के क्षेत्र में रह रहे हैं जिसके लिए विद्यार्थी परिषद ने नए छात्रावासों की निर्माण करने की मांग उठाई है। विद्यार्थी परिषद का कहना है की सरकार को इन मांगों के ऊपर जल्द से जल्द कार्रवाई करनी चाहिए ताकि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को किसी समस्या का सामना न करना पड़े।  एवं विद्यार्थी परिषद हमेशा से ऐसे ही छात्र हितों की बात करती आई है और आने वाले समय में भी निरंतर करते रहेगी। 


उन्होंने कहा की एसएफआई जो खुद को छात्र हितों का रक्षक बताता है,दरअसल अपने पीछे एक लंबा और शर्मनाक खूनी इतिहास छुपाये हुए है । आज यह आवश्यक हो गया है कि छात्र समुदाय को इस संगठन के असली चेहरे से अवगत कराया जाए । जहाँ छात्र राजनीति का उद्देश्य संवाद और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के माध्यम से समाधान निकालना होना चाहिए, वही एसएफआई बार बार इस प्रक्रिया को हिंसा और दवाव की नीति से कुचलता आया है । विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाना,विरोधी संगठन की आवाज़ को दवाना,और विचारधारा से असहमत छात्रो को धमकाना और जानलेवा हमला करना-यह सब इसके चरित्र में शामिल है ।