15 अक्तूबर तक सभी प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट यूनिटें क्रियाशील हों : अपूर्व देवगन

उन्होंने कहा कि डोर टू डोर प्लास्टिक कचरे के संग्रहण के लिए बनाए गए क्लस्टरों का पुनर्गठन किया जाएगा और ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख स्थानों पर डोर टू डोर प्लास्टिक संग्रहण सुनिश्चित किया जाएगा। उपायुक्त ने बताया कि कुछ स्थानों पर नए “कचरा हॉट स्पॉट” विकसित हो गए हैं, जिन पर विशेष ध्यान देते हुए 2 अक्तूबर को जिलेभर में विशेष स्वच्छता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्लास्टिक कचरे के लिए “हब एंड स्पोक मॉडल” को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों में लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जाना आवश्यक है। उन्होंने जोर दिया कि स्वच्छता कार्य केवल ढांचागत नहीं, बल्कि व्यवहारगत बदलाव से भी जुड़े हैं। इसके लिए निरंतर सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) गतिविधियों की आवश्यकता है।
जिला विकास अधिकारी गोपी चंद पाठक ने बताया कि वर्ष 2025–26 की वार्षिक कार्ययोजना के अनुसार मंडी जिले की सभी 555 ग्राम पंचायतों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन इकाइयाँ स्थापित करने, प्लास्टिक कचरा प्रबंधन को मजबूत बनाने और पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण व जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त गुरसिमर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिपाली शर्मा, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मंडी के क्षेत्रीय अधिकारी विनय कुमार तथा सभी खंड विकास अधिकारी उपस्थित रहे।