नशा निवारण अभियान: जिले में चिह्न्ति हाॅट स्पाॅट्स पर रहेगा फोक्स: एडीसी
एडीसी ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सकों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि नशे की चपेट में आए लोगों का सही तरीके से उपचार तथा मागदर्शन सुनिश्चित किया जा सके। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि कांगड़ा जिला के अभी तक 7 स्वास्थ्य संस्थानों में नशा मुक्ति क्लीनिक सेवाएं शुरू की गई हैं। इन अस्पतालों में ये सेवाएं हर हफ्ते 2 दिन शुक्रवार और शनिवार को दोपहर बाद 2 से 4 बजे तक मिल रही हैं। इनमें जोनल अस्पताल धर्मशाला के साथ साथ सिविल अस्पताल ज्वालामुखी, शाहपुर, नूरपुर, इंदौरा, देहरा और पालमपुर शामिल हैं। इन संस्थानों में नशा मुक्ति के मामलों को डील करने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक और स्टाफ मौजूद है। साथ ही वहां नशा मुक्ति से जुड़ी सभी दवाइयां भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
उन्होंने नशा मुक्ति क्लीनिक में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों और अन्य स्टाफ को इसके लिए विशेष प्रशिक्षण देने के बारे में कहा। उन्होंने कहा कि देश में नशा मुक्ति को लेकर कार्य कर रहे प्रमुख संस्थानों और विशेषज्ञों की सेवाएं इसके लिए ली जाएंगी। उन्होंने कहा कि जिला में चल रहे सभी नशा मुक्ति तथा पुनर्वास केंद्रों का नियमित निरीक्षण किया जाए तथा इसकी रिपोर्ट भी प्रेषित की जाए ताकि मापदंडों की अनुपालना नहीं करने वाले नशा मुक्ति तथा पुनर्वास केंद्रों पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हितेश लखनपाल ने कहा कि जिले में नशे के कारोबार को नियंत्रित करने और युवा को इससे बाहर निकालने के लिए सबकी सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि नशे की जाल में फंस चुके युवा तथा उनके परिवार इसकी जानकारी पुलिस प्रशासन को बिना किसी झिझक के दें। उन्होंने कहा कि पुलिस उनको इससे बचाने और नशे के कारोबार को नियंत्रित करने में पूर्ण सहयोग करेगी।
इस अवसर पर सीएमओ राजेश गुलेरी, शिक्षा विभाग के समन्वयक सुधीर भाटिया विभिन्न विभागों के अधिकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि तथा हितधारक उपस्थित रहे।