बेस्ट जीएसटी पेयर आवार्ड से सम्मानित सरस्वती लैड व सन्मति मेटलस इकाईयों में उत्पादन बढा.......
अक्स न्यूज लाइन ..नाहन 18 जून - 2023
करोडों रूपए का सालाना आयकर व जीएसटी जमा करने वाली क्षेत्र की नामीऔद्योगिक इकाई सरस्वती लैड व सन्मति मेटलस में अब उत्पादन सामान्य हो गया है। गौरतलब है कि बेस्ट जीएसटी पेयर आवार्ड से नवाजी जा चुकी इन इकाईयों परिसरों पर कु छ अरसा पहले आय सेंट्रल इनकम टैक्स विभाग ने सर्वे के नाम पर दबिश की थी तथा अफसरों की भारी भरकम फौज ने जांच ने रिकार्ड खंगाला था। प्रबंधन केसुत्रों के अनुसार आयकर टीम जो सोचकर आई थी वैसा कुछ नही मिला। इन इकाईयों में रोजाना करीब 500 टन लैड का उत्पादन होता है यह लैड उत्पाद देश में बैटरी निर्माण में लगी कंपनियों को भारी मात्रा में सप्लाई किया जा रहा है। जिनमें कुछ बहुराष्ट्रीय कं पनियां भी शामिल है।
जानकारी के अनुसार दबिश के बाद जब उत्पादन ठप्प हुआ इन बैटरी निर्माण में लगी कं पनियों को लैड के रूप में मिलने वाले कच्चे मॉल से वंचित रहना पड़ा और कालाअंब की इन इकाईयों का रोजाना जहां लाखों रूपए डूबा तो प्रबंधन का मनोबल भी गिरा, यहां लगी लेबर को छंटनी का डर सताया। उधर प्रबंधन ने जांच के दौरान आयकर की टीम को पूरा अपना सहयोग दिया जिसके चलते आयकर अधिकारी भी संतुष्ट हुए। उधर क्षेत्र में सालाना करोड़ों रू पए का टैक्स सरकारी खजाने में जमा करवाने वाली बहुत सी इकाईयां सरकार विभिन्न विभागों के इसंपैक्टरी राज से खफा है। सरकार चाहिए की करोड़ों के टैक्स से सरकारी खजाना भरने वाले इन कमाऊ पूतों की भी सुध ले।
औद्योगिक परिसरों की जांच कोई नही रोक सकता लेकिन जांच के नाम पर जलील नही किया जाना चाहिए। हिमाचल में पूर्व में लगे उद्योगों को सम्भालेगें तभी नये निवेश का फायदा होगा। क्योंकि आए दिन झुठी शिकायतों की आड़ में उनके परिसरों में जांच के नाम परेशान किया जा रहा है। ऐसे में अगर यहां उद्योग चलाने वालों को मजबूर किया जा रहा है कि वो अपना उद्योग समेट लें। ऐसा हो भी रहा है। बहुत सी इकाईयों में तालाबंदी हो चुकी है। कुछ उद्योपति तो यहां घंधा समेट कर विदेशों में जा बसे है। और की अनदेखी के चलते अब और उद्योपति विदेश में पालयन करने के सोच रहे है।