शहरी विकास मंत्री ने दिल्ली में राष्ट्रीय शहरी सम्मेलन में भाग लिया
रीइमेंजनिंग म्यूंसिपल गर्वनेंस विषय पर चर्चा के दौरान विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लगभग दस प्रतिशत आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है और राज्य सरकार आगामी समय में उन्हें जीवंत और विकसित शहरी केंद्रों के रूप में बदलने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला और शिमला स्मार्ट सिटी के रूप में उभर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन (एनयूडीएम) के तहत अर्बन प्लेटफॉर्म फॉर डिलिवरी ऑफ ऑलाइन गवनेंस (उपयोग) को लागू करने की पहल की है। इस पहल का उद्देश्य व्यापक राज्यव्यापी सेवा वितरण के माध्यम से एकीकृत समग्र समाधान प्रदान कर नगरपालिका सार्वजनिक सेवाओं के नागरिक अनुभव में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। उन्होंने कहा कि इससे सभी 60 शहरी स्थानीय निकायों में (एक राज्य एक पोर्टल) के अन्तर्गत एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिकों को सरकारी सेवाओं और सूचनाओं की श्रृंखला उपलब्ध होगी जिससे सरकारी सेवाओं की दक्षता, पारदर्शिता और पहुंच में सुधार होगा।
मंत्री ने प्रजा फाउंडेशन को यह भी आश्वासन दिया कि विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों द्वारा की गई अच्छी पहलों का विभाग अध्ययन करेगा और राज्य में एक मजबूत शहरी शासन तंत्र बनाने के लिए मार्गदर्शन लेगा।
उन्होंने शहरीकरण के लिए राज्य में अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क और रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य में सड़कों के जाल को बिछाया जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन की दिशा में की जा रही अभिनव के पहल के बारे में भी विस्तारपूर्वक बताया।
मिनिस्टर ऑफ लोकल सेल्फ गर्वमेंट केरल एम.बी. राजेश, संस्थापक एवं महासचिव फाउंडेशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स जय प्रकाश नारायण ने भी नगर प्रशासन को सुदृढ़ करने के बारे अपने विचार प्रस्तुत किए।
प्रजा फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंध ट्रस्टी निताई मेहता ने पैनलिस्टों का स्वागत किया और सम्मेलन के उद्देश्यों के बारे में जानकारी दी।
संबंधित मंत्रालयों, नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
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