अक्स न्यूज लाइन नाहन 10 अगस्त :
12 अगस्त को श्री गोगा माड़ी खदरी का वार्षिक बसेरा आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी श्री गोगा माड़ी समिति खदरी के प्रधान अमित शर्मा उर्फ लक्की ने दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बसेरे का आयोजन व्यापक रूप से किया गया है।शाम पांच बजे के लगभग श्री गोगा जाहरवीर की पवित्र छड़ी को गद्दी के भगत बाबा मदन पाल सिंह के प्रांगण से मंगल ध्वनि ढोल ढमाके के साथ श्री गोगा माड़ी खदरी के परिसर में स्थापित किया जाएगा। इसी प्रकार एक छड़ी अनीश भगत तथा एक राकेश भगत के यहां से भी श्री गोगा माड़ी खदरी में पहुंचेगी। छड़ी पूजन, हवन, आरती के साथ ही शाम सात बजे से बाबा जी का भंडारा शुरू कर दिया जाएगा। भण्डारे के साथ साथ ही हरियाणा के काठे माजरा के मशहूर समैया मास्टर करनैल सिंह एण्ड पार्टी द्वारा पूरी रात बाबा जी की अमर कथा प्रस्तुत की जाएगी। उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से बाबा जाहरवीर का आशीर्वाद प्राप्त करने तथा भण्डारे का प्रसाद ग्रहण करने का आग्रह किया।
गौरतलब है कि यह अति प्राचीन गोगा माड़ी है जिसकी स्थापना श्री गोगा जी धाम बागड़ के तत्कालीन मुख्य पुजारी स्वर्गीय राणा अनारकली द्वारा की गई थी। श्री गोगा माड़ी के नजदीक ही एक प्राचीन बावड़ी है जिसमें अति शीतल जल है। बुजुर्ग लोग कहते हैं कि राणा अनारकली प्रायः गर्मियों में यहां आते थे तथा उन्हें यह स्थान बाबा जाहरवीर की पूजा के लिए अति उत्तम लगा। उन्होंने यहां श्री गोगा जाहरवीर का आह्वान करके गोगा माड़ी की स्थापना की।
समय-समय पर इस गोगा माड़ी का जीर्णोद्धार करवाया गया। सन् 2012 में स्थानीय लोगों ने इस गोगा माड़ी के नवीनीकरण के लिए एक समिति का गठन किया तथा इसको नया रूप दिया गया। इस समिति के पदाधिकारियों में समय-समय पर परिवर्तन होता रहता है। वर्तमान में अमित शर्मा उर्फ लक्की इसके अध्यक्ष तथा रोहित शर्मा उर्फ सन्नी इसके कोषाध्यक्ष हैं। पन्द्रह सदस्य समिति इसके रखरखाव का कार्य करती है।हर महीने के दूसरे रविवार को यहां भण्डारे का आयोजन किया जाता है।
श्री गोगा माड़ी परिसर में गुरु गोरक्षनाथ,काली माता, क्षेत्रपाल, नाहर सिंह,सेवल सिंह, बाबा रत्न नाथ, महर्षि मार्कण्डेय माता मदानण के स्थान भी हैं। बाबा जाहरवीर राजा परीक्षित के पुत्र जन्मेजय के अवतार माने जाते हैं। जन्मेजय वासुकी नाग की नागकन्या रानी नवलदे के सुपुत्र थे। बाबा जाहरवीर नकारात्मक शक्तियों से प्राणी मात्र को मुक्ति देते हैं।इनको दूध पूत के दाता के रूप में भी पूजा जाता है। विषैले सांप तथा कीटों से भी यह मनुष्यों की रक्षा करते हैं।साल में एक बार यहां से श्री गोगा जी धाम बागड़ के लिए धार्मिक यात्रा निकाली जाती है।