नेता प्रतिपक्ष के अपने कार्यकाल के दौरान किए गए खोखले वायदों की तरह ने उनके बयान भी खोखले : रोहित ठाकुर

उनका यह बयान केवल उनकी कुंठा को प्रदर्शित कर रहा है और वह इस तरह के बयानबाजी कर प्रदेश की भोली-भाली जनता को गुमराह कर रहे हैं। वह यह भूल गए हैं कि भाजपा कार्यकाल के दौरान प्रदेश का शिक्षा क्षेत्र निम्नतम स्तर पर पहुंच गया था। पिछली भाजपा सरकार की गलत नीतियों के फलस्वरूप शिक्षा क्षेत्र की क्षति हुई है और अब प्रदेश सरकार सकारात्मक दृष्टिकोण और सही नीतियों से शिक्षा क्षेत्र में बदलाव कर रही है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने जब कार्यभार संभाला, तो हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। प्रदेश के 3600 से अधिक स्कूल केवल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे थे और 350 स्कूल बिना शिक्षकों के चल रहे थे। लगभग 15000 पद रिक्त थे और 90 प्रतिशत कॉलेजों में प्रिंसिपल के पद खाली पड़े हुए थे। उस समय उनके नेतृत्व में चल रही भाजपा सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के सुधार की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। चुनावी रोटियां सेकने के लिए बिना वित्तीय प्रावधान किए उनकी सरकार ने सैंकड़ों स्कूल खोले। भाजपा की गलत नीतियों के परिणामस्वरूप, राष्ट्रीय शिक्षा रैंकिंग में हिमाचल प्रदेश पिछड़ कर 21वें स्थान पर पहुंच गया।
पिछली भाजपा सरकार के दौरान शिक्षा क्षेत्र मेें हुई क्षति की भरपाई करने के लिए वर्तमान कांग्रेस सरकार ने तुरन्त सुधारात्मक कदम उठाते हुए 15000 शिक्षकों के पद मंजूर किए, जिनमें से 5500 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। प्राथमिक विभाग में पहले ही 3900 शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है और राज्य चयन आयोग के माध्यम से 3100 पदों को जल्द ही भरा जाएगा। प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए 6200 एनटीटी शिक्षकों की नियुक्ति आउटसोर्स आधार पर की जा रही है। पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान शिक्षा के क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया ठप्प हो गई थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार इस क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न पदों को भर रही है। प्रदेश सरकार शिक्षकों के कार्य को सम्मान प्रदान करती है। प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में कार्यरत 2000 से अधिक कार्यकारी प्रिंसिपलों की सेवाओं को नियमित किया गया है। उप निदेशकों की नियुक्ति भी की गई है। उच्च शिक्षा क्षेत्र को सुदृढ़ करते हुए 483 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति की गई और सीधी चयन प्रक्रिया के माध्यम से 119 कॉलेज प्रिंसिपल की पदोन्नति और नियुक्ति की गई है। इसके अलावा हमारी सरकार ने पिछले दो वर्षों में स्कूलों में 700 प्रवक्ताआंे की नियुक्ति की, जबकि भाजपा सरकार के पूरे पांच साल के कार्यकाल के दौरान केवल 511 प्रवक्ता ही नियुक्त हुए थे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि व्यवस्था परिर्वतन के तहत शिक्षा क्षेत्र में किए जा रहे सुधारात्मक निर्णयों के परिणाम साफ नजर आने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा में लम्बी छलांग लगाई है। जनवरी 2025 में जारी वार्षिक शिक्षा स्थिति रिपोर्ट (असर) के अनुसार, हिमाचल के छात्रों की पठन कौशल देश में सर्वश्रेष्ठ हैं। इस सर्वेक्षण के अधिकांश मापदंडों में हिमाचल प्रदेश को स्कूली शिक्षा में देशभर में सर्वश्रेष्ठ राज्य आंका गया है। राज्य स्तर पर किए गए एक सेंपल सर्वेक्षण में छात्रों के सीखने स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। शिक्षा में यह सकारात्मक परिणाम प्रदेश सरकार की गुणात्मक शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने केवल कागजों में ही शिक्षण संस्थानों के शिलान्यास और लोकार्पण किए जबकि वर्तमान कांग्रेस सरकार काम करने पर विश्वास रखती है। प्रदेश सरकार ने जीरो एनरोलमेंट वाले 1200 गैर-कार्यात्मक स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया ताकि संसाधनों का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। शिक्षण संस्थान बंद करने पर हल्ला मचाने वाले भाजपा के नेताओं को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि अधिकांश बीजेपी-शासित राज्य, जिसमें गुजरात भी शामिल है, ने 6000 से अधिक स्कूलों को बंद किया है।
कांग्रेस सरकार प्रदेश में नीति नवाचार को बढ़ावा दे रही है। कांग्रेस सरकार ने अपने चुनावी वायदों को पूरा करते हुए पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा शुरू की। वर्तमान प्रदेश सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल स्थापित कर रही है, जिसमें विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना और डॉ. यशवंत सिंह परमार विद्यार्थी ऋण योजना से वंचित वर्गों के विद्यार्थियों को शिक्षा पूरी करने के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक सुधार किए जा रहे हैं। इस दिशा में 270 शिक्षकों के सिंगापुर और कंबोडिया और 200 अन्य शिक्षकों के केरल और अन्य भारतीय राज्यों में अध्ययन भ्रमण का अवसर दिया गया जिससे उन्हें दुनिया भर में सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने का मौका मिला। सरकार की इन अभिनव पहलों की केंद्रीय सरकार द्वारा भी सराहना की गई। हाल ही में, राज्य सरकार ने प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र में गुणात्मक सुधार करने के लिए यूनेस्को के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस साझेदारी से प्रदेश के विद्यार्थियों को नवीन शिक्षा विधियों, पाठ्यक्रमों और 21वीं सदी के कौशल से निपुण किया जाएगा। प्रदेश में ग्रीन एजुकेशन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है और खेलों की तकनीक के साथ-साथ मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान की जाएगी।
प्रदेश सरकार गुणात्मक शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थी के पोषण आवश्यकता का भी ध्यान रख रही है। इसके दृष्टिगत बाल पोषक आहार योजना का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। प्रदेश के 15181 स्कूलों में 5.34 लाख बच्चों की अतिरिक्त पोषण आवश्यकताओं का ख्याल रखा जा रहा है। स्कूलों में बच्चों को उबले हुए अंडे और फल दिए जाते हैं। इस पहल के लिए राज्य ने 12.75 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पिछली भाजपा सरकार के दौरान वर्दी वितरण संबंधी गडबढी संबंधी मामलों को देखते हुए वर्तमान सरकार ने स्मार्ट यूनिफॉर्म के लिए डीबीटी योजना शुरू की है। इसके अतिरिक्त, शिक्षा क्षेत्र में अध्यापकों के उत्कृष्ट योगदान के लिए अध्यापकों को सम्मानित किया जा रहा है और खेल छात्रों के लिए भत्ते बढ़ाए गए हैं ताकि समग्र विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
शिक्षा प्रणाली में अधिक दक्षता लाने के लिए, प्राथमिक शिक्षा निदेशालय को पुनर्गठित करके इसे स्कूल शिक्षा निदेशालय नाम दिया गया है। यह नया निकाय प्री-प्राइमरी से लेकर 12 कक्षा तक सभी शैक्षिक मामलों की निगरानी करेगा और शिक्षा के लिए एकीकृत और समन्वित दृष्टिकोण सुनिश्चित करेगा। इसके अतिरिक्त, प्रदेश में क्लस्टर स्कूलों की शुरुआत की है, ताकि संसाधनों को साझा उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि भाजपा के बिना वित्तीय प्रावधान के शिक्षण संस्थानों को खोलने की प्रथा की अपेक्षा वर्तमान कांग्रेस सरकार विद्यार्थियों के लिए एक समग्र और समावेशी शिक्षा प्रणाली सुनिश्चित कर रही है ताकि बच्चों का सर्वागींण विकास सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि शिक्षा के नाम पर विपक्ष केवल ओछी राजनीति कर रहा है। वर्तमान प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र में सुधार कर विद्यार्थियों का उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के परिणाम उन्मुखी कार्यों के फलस्वरूप इस क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों से प्रदेश के लोग भली-भांति परिचित हो रहे हैं।