मुख्य सचिव ने एकल उपयोग प्लास्टिक के उन्मूलन के लिए राज्य स्तरीय एसटीएफ बैठक की अध्यक्षता की

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य है, जिसकी पूरे देश में सराहना हुई है। पॉलीथीन से होने वाले खतरों के कारण सरकार ने राज्य में नॉन- बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से बने पॉलीथीन और प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग, बिक्री और निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है।
उन्होंने हितधारक विभागों और सभी उपायुक्तों को हिमाचल प्रदेश नॉन- बायोडिग्रेडेबल (नियंत्रण) अधिनियम, 1995 के तहत उल्लंघन की जांच के लिए प्रत्येक शनिवार को निरीक्षण करने, जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आयोजित करने और निदेशक पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन के कार्यालय को मासिक आधार पर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
प्रबोध सक्सेना ने सभी उपायुक्तों को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (संशोधन) नियम, 2024 के अंतर्गत वार्षिक रिपोर्टिंग के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण करवाने तथा वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित विनियमों को लागू करने के निर्देश दिए, ताकि चिन्हित एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जा सके। उन्होंने हितधारक विभागों को एकल उपयोग प्लास्टिक के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए मिशन मोड पर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने उपायुक्तों से सरकारी बैठकों के दौरान छोटी पानी की बोतलों का उपयोग न करने के निर्देश दिए।
पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी निदेशक डीसी राणा ने राज्य के विभिन्न विभागों और जिलों द्वारा व्यापक कार्य योजना के कार्यान्वयन पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट के बारे में विस्तार से बताया। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव कमलेश पंत, विभिन्न जिलों के उपायुक्त, शहरी विकास निदेशक डॉ. नीरज कुमार और विभिन्न विभागों के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।