मलेरिया, डेंगू से बचाव के लिए लोगों को करें जागरूक: डीसी
मलेरिया के लक्षण
मुख्यचिकित्सा अधिकारी ने बताया मलेरिया आमतौर पर संक्रमित मच्छर द्वारा काटे जाने के 10-15 दिन बाद लक्षण दिखने लगते हैं। लक्षणों में तेज बुखार, ठंड लगना, पसीना आना ,मतली या उलटी, सिरदर्द है । तेज बुखार आने पर खून की जांच कराकर हम पता लगा सकते हैं । डेंगू बुखार के मुख्य लक्षण तेज बुखार, आँखों के पीछे दर्द, जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द, थकान , जी मिचलाना, उल्टी आना , तेज सिरदर्द, दस्त होना, त्वचा पर लाल चकते शरीर के किसी भाग में दाने निकलना, खून का बहना जैसे लक्षण होने पर हमें डॉक्टर से जांच कराना अत्यंत जरूरी है । डेंगू से आने वाले बुखार को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है । माताओं, बच्चों और बुजुर्गों के लिए डेंगू घातक हो सकता है। गर्भावस्था में डेंगू होने पर गर्भ गिर सकता है तथा माँ से बच्चे को भी डेंगू के खतरे हो सकते हैं। डेंगू का मच्छर दिन में ही काटता है । सामान्यतः डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं हैप्लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र मे जांच एवं उपचार कराएं।
कैसे करें रोकथाम:
सीएमओ ने बताया कि बाहर जाते समय लंबी बाजू व हल्के रंग के कपड़े पहने । शरीर में ऑडोमास, स्प्रे, क्रीम लगाकर संक्रमण से बचा जा सकता है । अपने आसपास के स्थानों को साफ रखें । घर के बर्तनों में भरे पानी को अगले दिन खाली करें व कूलर के पानी को समय समय पर बदलें। अपने घर के आसपास पानी जमा न होने दें । घरों में जाली के दरवाजे बंद करके रखें व मच्छर दानी का प्रयोग करें । गमलों के नीचे रखी ट्रे में पानी जमा न होने दें।
इस बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ तरूण सूद ने कहा कि जिला कांगड़ा में राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम एवम राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग कंट्रोल कार्यक्रम के प्रभावी संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। जिला टास्क फोर्स की समीक्षा बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष रमेश बराड़, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश सूद सहित विभिन्न अधिकारी उपस्थित थे।