मधु मक्खी पालन से आय बढ़ा सकते हैं किसान-बागवान...... मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के तहत........ देता है 80 प्रतिशत सब्सिडी.......
अक्स न्यूज लाइन --हमीरपुर , 21 मई - 2023
हिमाचल प्रदेश में मधु मक्खी पालन एवं शहद उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। पारंपरिक कृषि-बागवानी और पशुपालन के साथ-साथ मधु मक्खी पालन को भी अपनाकर किसान-बागवान अपनी आय में काफी बढ़ोतरी कर सकते हैं। इसी के मद्देनजर प्रदेश सरकार मधु मक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है तथा किसानों-बागवानों को इसके लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित कर रही है। सरकार ने इसके लिए 80 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान भी किया है।
उद्यान विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि हिमाचल शहद उत्पादन के क्षेत्र में भारत का एक प्रमुख प्रदेश है। जिन किसानों और बागवानों के पास कम कृषि व बागवानी योग्य भूमि है, वे खेती-बाड़ी के साथ-साथ मधुमक्खी पालन व्यवसाय को अपनाकर अपनी आमदनी में आसानी से बढ़ोतरी कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन से शहद के साथ-साथ फसलों में परागण के कारण विभिन्न फसलों की उपज में 25 प्रतिशत से अधिक तक वृद्धि होती है। उपनिदेशक ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में विभिन्न पारंपरिक फसलों के अलावा फल-सब्जियों, फूलों, जड़ी-बूटियों और वनों से आच्छादित राज्य भी है जो प्रतिवर्ष फल एवं बीज के साथ ही मकरन्द और पराग को धारण करते हैं। लेकिन, इनका भरपूर सदुपयोग नहीं हो पता है और यह बहुमूल्य उपज धूप, वर्षा और अन्य आपदाओं के कारण नष्ट हो जाता है। इसलिए भरपूर दोहन करने के लिए मधुमक्खी पालन एक कारगर उपाय हो सकता है। राजेश्वर परमार ने बताया कि हिमाचल में जलवायु और फसलों की दृष्टि से मधुमक्खी पालन का व्यवसाय कम लागत एवं कम समय में अधिक आय देने वाला व्यवसाय है।
उन्होंने बताया कि हिमाचल में 80 प्रतिशत लोग छोटे व मंझोले किसान हैं जिन्हें स्वरोजगार एवं अतिरिक्त आय के साधन की आवयश्कता होती है। ऐसे में मौन पालन एक विकल्प के रूप देखा व अपनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मधुमक्खी दिवस 20 मई को मनाया गया। मानव जीवन में मधुमक्खियों के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए जिला में सभी किसानों-बागवानों को मौन पालन अपनाना चाहिए, ताकि उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हो सके।
इसके लिए उद्यान विभाग द्वारा समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाते हैं, ताकि इन शिविरों में प्रशिक्षण प्राप्त करके जिला के किसान-बागवान मौन पालन व्यवसाय को अपना सकें। उन्होंने कहा कि मौन वंशों की स्थापना और रख-रखाव, घरेलू मौन वंशों के छत्ते, शहद की पैदावार के लिए सरसों, बरसीन, फलदार और वानिकी फसलों की खेती तथा मौन वंशों के स्थानांतरण इत्यादि के लिए उद्यान विभाग मुख्यमंत्री मधु विकास योजना के तहत 80 प्रतिशत अनुदान प्रदान करता है।
उपनिदेशक ने बताया कि जिला हमीरपुर में इस योजना के तहत पर्याप्त बजट उपलब्ध है। इसलिए किसानों-बागवानों को इसका भरपूर लाभ उठाना चाहिए।