भास्कर खास • अमेरिका की ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी ने जाना कि बच्चों की पैरेंट्स से दूरियां क्यों बढ़ती हैं
बेटियां मां से ज्यादा पिता से रूठती हैं, 14 साल की उम्र के बाद दूरियां बढ़ती हैं, अमेरिका में हर चौथे युवा की पिता से दूरी रही है
एजेंसी | वॉशिंगटन
बड़ी पुरानी कहावत है, पिता की दुलारी होती हैं बेटियां और बेटियों का पहला हीरो उनका पिता होता है। इसके बावजूद किशोर और युवावस्था के दौरान एक समय ऐसा आता है, जब बेटियों की अपने पिता से दूरी हो जाती है। वे अपने मन की बात कहना बंद कर देती हैं। पिता की नसीहतें उन्हें पसंद नहीं आतीं और कई बार विद्रोही तेवर अपना लेती हैं। ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी की अमेरिका में किए गए शोध से पता चला है कि 14 से 22 साल के 26% युवाओं की किसी न किसी बात पर अपने पिता से दूरी हो जाती है। लेकिन, यह लंबे समय तक नहीं रहती और ज्यादातर मामलों में बच्चे ही इस दूरी को पाटने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इसमें भी बेटियां आगे हैं। वे बेटों की अपेक्षा
थोड़ी समझदारी से पिता बच्चों से बात करें तो दूरियां दूर हो जाती हैं
प्रोफेसर रिन रेकजेक कहते हैं, बच्चों और पैरेंट्स दोनों को इन दूरियों को खत्म करने की कोशिश करनी होगी। पढ़े-लिखे और नौकरी करने वाले पिता इस दूरी को आसानी से कम कर सकते हैं। इसके लिए जरूरी है कि पिता अपने बच्चों से बात करें। अपने फैसले उनपर न थोपें। उन सभी विषयों पर जिसमें बच्चे अलग सोच रखते हों, उनसे बात करें। उनके विचार सुनें। कई बार थोड़े बदलाव के बाद बच्चों की बात मान लेने से कोई नुकसान नहीं हो रहा होता।
अपने पिता से 22% ज्यादा रूठती हैं। मां से दूरी होने या रूठने की बात की जाए तो बेटों और बेटियों दोनों की ही पिता की तुलना में मां से दूरी होने की आशंका सिर्फ 6% है।
ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र के
प्रोफेसर रिन रेकजेक कहते हैं, किशोर से युवा होने के दौरान बहुत सारे शारीरिक, मानसिक और सामाजिक बदलाव होते हैं, जैसे स्कूल से कॉलेज, नौकरी, शादी। इन बदलावों के फैसले
हैं। दूरियों के बाद जब दोबारा नजदीकी बनती है तो बेटी मां से और बेटे पिता से ज्यादा गहराई से जुड़ जाते हैं। रेजाक अपने शोध में बताते हैं कि 87% समलैंगिक बच्चों की अपने पिता से दूरी हो जाती है। कई मामलों में उनकी आपस में बातचीत भी पूरी तरह बंद हो जाती है।
वैज्ञानिकों ने यह शोध 1994 से 2018 तक 24 सालों तक दो अलग-अलग पीढ़ियों पर किया। इसमें यह पता चला कि आज की पीढ़ी पिछली पीढ़ी की तुलना में अपने पैरेंट्स से ज्यादा दूर हो गई है। आज के युवा अपने माता-पिता से किसी भी वजह से जितना रूठते हैं, वैसा पिछली पीढ़ी नहीं करती थी। मां-बच्चों के संबंधों को जानने के लिए 8,495 लोगों पर शोध किए गए, जबकि पिता और बच्चों के संबंधों को जानने के लिए 8,119 लोगों पर
में पिता की सोच से सहमत न होने पर दूरी बन जाती है। शोध से पता चला है कि बच्चों की पिता से दूरी बनने की औसत उम्र 23 साल है, जबकि मां से दूरी बढ़ने की औसत उम्र 26 साल है। शादीशुदा और तलाकशुदा बेटे बेटियों की माँ-बाप से ज्यादा दूरी हो जाती है। लेकिन जब उनके अपने बच्चे होते हैं तो उनकी सोच बदलती है और दिमाग सिकुड़ता है। ऐसे पैरेंट्स की अपने मां-बाप से नजदीकियां बढ़ती अध्ययन किया गया।
(दैनिक भास्कर से साभार )