पौष्टिक आहार को अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाएं - उपायुक्त
उन्होंने कहा कि हमें पौष्टिक आहार को अपने जीवन का अहम हिस्सा बनाना होगा। हमें आसपास के लोगों को भी इस बारे में जागरूक करना चाहिए। अगर हम स्वस्थ स्वास्थ्य चाहते है तो उसके लिए पौष्टिक आहार का होना अति आवश्यक है। हमें अपने बच्चों को पौष्टिक आहार के बारे में जागरूक करना चाहिए। औषधीय गुणों से सम्पन्न कई दालें, सब्जियां आज हमारी रसोई से गायब होती जा रही है। हम त्योहारों में परंपरागत व्यंजनों को बनाने से परहेज करते है, जबकि हमें पारम्परिक व्यंजनों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने में अग्रणी रहना चाहिए।
मुख्य अतिथि ने कहा कि आज बच्चों को खेलों के प्रति जागरूक करने की जरूरत है। बच्चे खेलों से दूर होते जा रहे है। बच्चों के सर्वांगीण विकास में खेलों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि खेलें प्रोफेशन हो चुकी है। आज बच्चे मोबाइल पर पूर्ण रूप से निर्भर बनते जा रहे है। ऐसे में बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास में कई बाधाएं उत्पन्न हो रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाॅल ने बताया कि पोषण अभियान के तहत 1 सिंतबर से 30 सिंतबर तक पोषण माह जिला भर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस बार अभियान की थीम “सुपोशित किशोरी, साक्षर नारी“ रही। इस अभियान के तहत 2154 आंगनबाड़ी केंद में कुल करीब 34 हजार गतिविधियां आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि अभियान के बारे में विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।
कार्यक्रम में आरकेएमवी से डाॅ. ज्योति शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने और बेहतर विकास के लिए अपने खानपान से पर्याप्त पोषण प्राप्त करना बहुत आवश्यक है। पोषण कई पोषक तत्वों के एक समूह की तरह है, जो हमें भोजन से मिलता है। जब हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता है, तो इससे शरीर में कमजोरी आती है और हम बीमार हो जाते हैं। कुपोषण के कारण लोग गंभीर रोगों की चपेट में भी आ सकते हैं। ऐसे कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो शारीरिक कार्य को बनाए रखने में बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। ये पोषक तत्व शरीर में कोशिकाओं (सेल्स) और ऊतकों (टिशूज) की मरम्मत के साथ-साथ उनके निर्माण में मदद करते हैं।
इस दौरान आईजीएमसी से डाॅ. अमित सचदेवा ने एनीमिया विषय पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनीमिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या या इनमें पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है। इससे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति कम हो जाती है और ऊतकों में ऑक्सीजन की कमी के कारण एनीमिया के लक्षण दिखने लगते हैं। एनीमिया एक सामान्य रक्त विकार है। खास तौर पर महिलाओं में आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया सबसे आम प्रकार का एनीमिया है। उन्होंने कहा कि अगर हमारा पोषण सही होगा तो हमें बीमारियां प्रभावित नहीं कर सकती है।
कार्यक्रम के दौरान एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत मुख्यातिथि ने पौधा भी लगाया। इसके बाद, मुख्यातिथि ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा तैयार किए गए शिमला के भूले बिसरे व्यंजन विषय पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शिमला के भूले बिसरे व्यंजन पर बुकलेट और कैलेंडर का भी विमोचन किया गया। वहीं पोषण और स्वच्छता शपथ भी दिलवाई गई। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों के विकास की निगरानी प्रक्रिया का प्रदर्शन भी मुख्यातिथि के सामने आंगनाबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया। कार्यक्रम में जिला भर में सीडीपीओ, ब्लाॅक कोर्डिनेटर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहीं।
इन्हें किया गया सम्मानित
पोषण माह के तहत बेहतरीन कार्य करने पर जिला कोऑर्डिनेटर पोषण अभियान नीरज भारद्वाज, जिला असिस्टेंट कोऑर्डिनेटर दिव्यांशी, सीडीपीओ बसंतपुर हर्ष शर्मा, सीडीपीओ छोहारा अरविंद कुमार, सीडीपीओ जुब्बल आशीष चौहान, सीडीपीओ कुमारसैन डाॅ. राजेश कुमार, सीडीपीओ मशोबरा रूपा रानी, सीडीपीओ सुलता शर्मा, सीडीपीओ रामपुर शशी ठाकुर, सीडीपीओ रोहड़ू डाॅ. मोनिका नैंटा, सीडीपीओ शिमला शहरी स्नेह लता और सीडीपीओ ठियोग जगदीश कंवर को सम्मानित किया गया। इसके साथ ही विभिन्न ब्लाॅक कोर्डिनेटर भी सम्मानित किए गए जिनमें डेजी शर्मा बसंतपुर, साक्षी शर्मा छोहारा, राकेश कुमार चैपाल, ज्योति दुल्टा जुब्बल, हिमानी शर्मा कुमारसैन, पुर्णिमा शर्मा मशोबरा, दीपिका ननखड़ी, चंद्र कुमार रामुपर, हर्ष नाज्टा रोहड़ू, सुनीता शिमला शहरी और वीना ठियोग खंड से शामिल रही। कार्यक्रम में सुमन शर्मा, गांदो देवी और आरकेएमवी की छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।
ये कार्यक्रम किए गए प्रस्तुत
इस समारोह में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसमें शिमला शहरी खंड की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने स्वागत गीत पेश कर खूब तालिया बटोरी। वहीं चौपाल खंड से सुमन शर्मा ने पोषण अभियान पर कविता सुनाई। शिमला शहरी की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और नन्नें बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी।