पैंशनर्स के बकाया देय लाभों को शीघ्र जारी करे सरकार - मेलाराम शर्मा
अक़्स न्यूज लाइन,शिमला --04 फरवरी
प्रदेश सरकार द्वारा रिटायर्ड कर्मचारियों के देय लाभों को रोकना तर्कसंगत नहीं है । सेवानिवृत कर्मचारी जीवन के चैथे पड़ाव में पहूंच चुके हैं जिनमें अधिकांश रिटायर्ड कर्मचारी इस संसार को छोड़ चुके हैं ऐसे में पैंशनर्ज के साथ सरकार द्वारा इस तरह का व्यवहार करना एक घोर अन्याय है । पैंशनर्स संघ के प्रवक्ता मेला राम शर्मा ने जारी बयान में सरकार से आग्रह किया है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 2016 से छठे वेतन आयोग के बड़े हुए वेतनमान के अनुसार ग्रेच्युटी, लीव एनकएशमेंट, कम्युटेशन , डीए बढ़ौतरी और अन्य भत्तों की अदायगी तुरंत की जाए।
उन्होने कहा कि जीवन के अन्तिम पड़ाव में प्रदेश के सेवानिवृत्त कर्मचारी बीते कई बर्षों से छठे वेतन आयोग की बढ़ोतरीें की अदायगीयों की बाट जोह रहे हैं परंतु सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई पग नहीं उठाया है ।
उन्होंने बताया कि बीते 5-6 वर्षों के अंतराल में बहुत सारे सेवानिवृत अधिकारी कर्मचारी बिना वेतन भत्ते लिए स्वर्ग भी सिधार गए हैं और हिमाचल प्रदेश के लाखों सेवानिवृत अधिकारी कर्मचारी इस उम्र में आर्थिक तंगी के कारण भारी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने बताया की उम्र के इस पड़ाव में सेवानिवृत अधिकारियों और कर्मचारियों पर अनेक प्रकार के आर्थिक बोझ रहते हैं जिनकी पूर्ति के लिए उन्हें गृह निर्माण, बच्चों की शादी ब्याह और निजी वाहनों की खरीद इत्यादि के लिए बैंकों से अनेक प्रकार के ऋण भारी भरकम ब्याज पर उठाने पढ़ रहे हैं ।
मेला राम शर्मा ने कहा कि वर्ष 2016 के बाद छठे वेतन आयोग का बकाया जो उन्हें लगभग 5-6 वर्ष पूर्व मिल जाना चाहिए था वह बढ़ती मंहगाई के चलते लगातार घटता जा रहा है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्कू का ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित किया कि सरकार के इस रवैए के कारण न केवल उनको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है अपितु उनके मौलिक अधिकारों का भी हनन हो रहा है क्योंकि जो कर्मचारी और अधिकारी 2022 के बाद सेवानिवृत हो रहे हैं उन्हें छठे वेतन आयोग के अनुसार पूरे आर्थिक लाभ प्राप्त हो रहे हैं जबकि इससे पूर्व सेवानिवृत्ति कर्मचारी के आर्थिक लाभ पिछले 5 वर्षों से सरकार के पास पड़े हैं।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उम्र के इस पड़ाव में अपने आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए उन्हें संघर्ष की राह पर धकेलने का प्रयास न किया जाए और शीघ्र सेवानिवृत कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की बढ़ोतरीयों के अनुसार उनके एरियर की अदायगी की जाए।