अल्ट्रासाउंड़ केन्द्रों का किया जाएगा नियमित निरीक्षण - उपायुक्त
उन्होंने कहा कि जिला में चल रहे स्वास्थ्य परीक्षण क्लीनिकों, अल्ट्रासांउण्ड़ केन्द्रों का नियमित निरीक्षण किया जाएगा और उन पर कड़ी नजर रखी जाएगी । उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देश दिए कि जिला की जिन पंचायतों में लिंगानुपात कम है उनमें संयुक्त रूप से जागरूकता शिविरों का आयोजन किया जाए और ताकि लिंगानुपात में सुधार लाया जा सकें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश कि अल्ट्रासांउण्ड़ केन्द्रों का औचक निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से कहा कि अल्ट्रासांउण्ड़ केन्द्रों में स्थापित अल्ट्रासांउण्ड़ मशीनों में टैªकर लगानें का प्रयास करें ताकि पता लगाया जा सके कि चिकित्सक ने किस उदेश्य से मरीज का स्वास्थ्य परीक्षण किया है।
उन्होनें बताया कि जिला में चल रहे वन स्टाप सैंटर में एक टोलफ्री नम्बर स्थापित किया जाए ताकि इस प्रकार गतिविधियों के संबध में इस नम्बर पर शिकायत की जा सकें। उन्होनें बताया कि जिला में अलग अलग अस्पतालों में पालना केन्द्र स्थापित किए गए हैं अनचाहे बच्चों को इन केंद्रो में छोड़नें की सुविधा का प्रयोग कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पालना केन्द्रों में किसी प्रकार की कोई सर्विलांस और सीसीटीवी इत्यादि नहीं लगें हैं, ताकि नवजात शिशु को वहां छोड़नें बाले की गोपनियता बनी रहे। इस संदर्भ में उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, सीडीपीओ को निर्देश दिए कि अस्पताल में पालना केंद्र ऐसी जगह स्थापित किए जांए जहां वह लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध होे।
उन्होंने दवाई विक्रेताओं को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि गर्भपात के लिए प्रयोग होने बाली एम.टी.पी. किट चिकित्सक की पर्ची के बिना ना दें और दवाई बिक्रेता इसके संदर्भ में अवश्यक रजिस्टर भी मैटेन करें। इस मौका पर पुलिस अधीक्षक संजीव धवल, सीएमओ डॉ. प्रवीन, एसडीएम गौरव चौधरी, डीएसपी चंद्रपाल, बीएमओ आशुतोष, डीपीओ हरीश मिश्रा, सीडीपीओ रंजना शर्मा सहित संबधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।