नई शिक्षा नीति में विद्यार्थी और शिक्षक अनुपात 30:1 का प्रावधान किया गया है

नई शिक्षा नीति में विद्यार्थी और शिक्षक अनुपात 30:1 का  प्रावधान किया गया है

अक्स न्यूज लाइन, शिमला  09 अप्रैल  :  \
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के प्रदेश अध्यक्ष  लोकेन्द्र सिंह नेगी  ने बताया कि    नई शिक्षा नीति में विद्यार्थी और शिक्षक अनुपात 30:1 का  प्रावधान किया गया है। प्रत्येक शिक्षक जितने कम छात्रों के साथ काम करता है, उतना ही वे अपने शिक्षण को विशिष्ट शिक्षण शैलियों के अनुकूल बनाने में सक्षम होते हैं। वे स्वस्थ आमने-सामने सलाह देने वाले रिश्ते भी विकसित करने में सक्षम होते हैं और उन तरीकों से अंतर्दृष्टि और सहायता प्रदान करते हैं जो एक बड़ी कक्षा में असंभव होगा। इसके अतिरिक्त, कम अनुपात शिक्षकों के कार्यभार को हल्का करेगा, जिससे वे अपने शिक्षण और ग्रेडिंग की मात्रा के बजाय गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।

छोटे समूह में, छात्रों को अपनी राय व्यक्त करने, प्रश्न पूछने और अपनी ज़रूरतों को बताने में सहज महसूस होने की अधिक संभावना होती है। यह सेटअप उन छात्रों के लिए अतिरिक्त देखभाल भी प्रदान करता है जो किसी भी विषय में सीखने की बाधाओं से जूझ रहे हों। यह लाभ उन छात्रों के लिए भी सही हो सकता है जो उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं और अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए अतिरिक्त चुनौती की आवश्यकता होती है। कम छात्र-शिक्षक अनुपात के साथ, शिक्षकों के पास इस स्थिति को संबोधित करने की क्षमता होती है, वे छात्रों को अतिरिक्त सामग्री प्रदान करते हैं और उनकी क्षमताओं के अनुसार उन्हें सफल होने में मदद करते हैं। 

संघ के प्रदेश अध्यक्ष लोकेन्द्र सिंह नेगी ने बताया  कि  छात्र शिक्षक  अनुपात वर्तमान नियमों के अनुसार  60: 1 है अर्थात 60  विद्यार्थियों पर एक शिक्षक न्युक्त होता है !जबकि विभाग द्वारा 100 छात्रों पर दूसरा शिक्षक न्युक्त किया जाता है अर्थात किसी विषय में 99 छात्र होने पर एक ही शिक्षक न्युक्त होता है जबकि वर्तमान  नियमों के अनुसार 60 से ऊपर  छात्र होने पर दूसरा शिक्षक न्युक्त होना चाहिये परन्तु ऐसा नहीं हो रहा है! संघ ने  सरकार से माँग कि है कि   न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार छात्र शिक्षक अनुपात तय किया जाये !नई शिक्षा नीति में   विद्यार्थी तथा छात्र का अनुपात 30:1 है!अर्थात 30 छात्रों पर एक शिक्षक ! शिक्षा की गुणात्मक मे सुधार के लिए पुराने  नियम बदलने अत्यंत आवश्यक है यदि 30 एक के अनुपात से युक्तिकरण किया जाता है तो शिक्षा के गुणवत्ता को सुधारने सहायता मिलेगी ! हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने सरकार से   प्रदेश भर में  रिक्त पड़े  प्रधानाचार्य के पदों को शीघ्र भरने की भी माँग की है !
 

संघ के प्रदेश अध्यक्ष  लोकेंद्र सिंह नेगी  ने बताया कि काफी समय से प्रदेश  भर में प्रधानाचार्य के सैंकड़ो पद रिक्त पड़े है  जिसके कारण की इन स्कूलों में वरिष्ठ प्रवक्ताओं को प्रधानाचार्य के रूप में कार्य करने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ प्रधानाचार्य को जब कार्यवाहक प्रधानाचार्य की रूप में अतिरिक्त कार्य करना पड़ेगा तो निश्चित रूप से इस  कार्यभार के कारण उनके  द्वारा पढ़ाई जाने वाले विषय  की पढ़ाई इससे  प्रभावित होती है ! इसके साथ ही वरिष्ठ प्रवक्ताओं को  कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रूप में कार्य करने पर  विभिन्न प्रशासनिक कार्यों की   बैठकों तथा अन्य कार्यों से स्कूल से   बाहर भी रहना पड़ता है  इस कारण भी पठन-पाठन में बाधा उत्पन्न होती है।  उन्होंने बताया की बहुत से वरिष्ठ प्रवक्ता बिना पदोन्नति के ही सेवा निबृत हो रहे है ! संघ सरकार से माँग करता है कि  प्रधानचार्यो की सूचि शीघ्र जारी की जाये !