कनाडा में हिमाचली प्रवासियों ने हर्षोउल्लास से मनाया दशहरा पर्व
उन्होंने कहा कि इस विशेष आयोजन में कनाडा के 30 से अधिक क्षेेत्रीय संघों का भरपूर सहयोग मिला और प्रवासी हिमाचलियों ने पूरे उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के लोग चाहे दुनिया के किसी भी कोने में रह रहे हों लेकिन इस तरह के आयोजनों से उन्हें राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि ‘कनाडा में जिस तरह हमारे भाइयों और बहनों ने इन परम्पराओं को जीवत रखा है, उस पर हमें गर्व है’।
मुख्यमंत्री ने प्रवासी हिमाचलियों को राज्य के विकास में योगदान देने के लिए आग्रह किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2026 तक हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है और प्रवासी हिमाचली इस क्षेत्र में निवेश करने के लिए आगे आएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके द्वारा किया गया निवेश न केवल हिमाचल को ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाएगा बल्कि यहां की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। उन्होंने कहा कि ‘इस पहल में आपकी भागीदारी हिमाचल के भविष्य को उज्ज्वल बनाने और यहां के आर्थिक विकास को और प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगी’।
इस अवसर पर हिमाचली नाटी, रामलीला का मंचन और पहाड़ी संस्कृति पर आधारित लोक नृत्य इत्यादि मनभावन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम में अतिथियों को हिमाचली धाम और अन्य पहाड़ी व्यंजन परोसे गए।
कनाडा के सांसद चंद्र आर्य ने अपने संबोधन में सांस्कृतिक विरासत के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विजयदशमी त्योहार विभिन्न समुदायों को एकसूत्र में पिरोने और एकजुटता का संदेश देता है। विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।