जोहाना गांव में स्थापित है रूद्रावतार का शताब्दी पूर्व आलौकिक मन्दिर

जोहाना गांव में स्थापित है रूद्रावतार का शताब्दी पूर्व आलौकिक मन्दिर

अक्स न्यूज लाइन नाहन , 17 अक्तूबर :

जिला सिरमौर के सराहां उपमण्डल के जोहाना गांव में भगवान शिव के रूद्रावतार एवं प्रभू श्री राम जी के अनन्य भक्त हनुमान जी का लगभग शताब्दी पूर्व स्थापित आलौकिक मन्दिर स्थित है। पवन पुत्र हनुमान यहां आने वाले हर श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। धार्मिकता के साथ -साथ यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी जाना जाता है।
 

इस क्षेत्र के बुजुर्ग व्यक्तियों का कहना है कि लगभग सौ वर्ष पूर्व तत्कालीन ब्रह्मचारी बाबा ब्रह्मलीन श्री राम दास जी द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई। बाबा राम दास जी को घोर तपस्या के फलस्वरूप हनुमान जी की सिद्धि प्राप्त हुई थी। उन्होंने यहां गाय के गोबर, मिट्टी, दिव्य भस्म तथा चूने के मिश्रण से बजरंग बली की दिव्य प्रतिमा का निर्माण किया तथा मन्दिर की स्थापना की। स्थानीय बुजुर्ग लोग बताते हैं कि महात्मा राम दास गर्मियों में सिर पर अग्नि जलाकर पंचधूनी तथा सर्दियों में रात-रात भर बर्फीले पानी में स्थित होकर कठिन साधना में लीन रहते थे। उनकी कठिन तपस्या के कारण ही यह मन्दिर हनुमान जी की आलौकिक शक्तियों से युक्त है।
 

यह मन्दिर काफी समय तक गुमनामी में खो गया। लगभग दशक पूर्व सिद्ध बाबा राम दास की परम्परा से सम्बन्ध रखने वाले महन्त परमेश्वर दास ने यहां लगभग दशक पूर्व हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की। समय-समय पर इस मंदिर को नया रूप दिया गया तथा इसका जीर्णोद्धार किया गया। वर्तमान में यह मन्दिर अपने दिव्य एवं आलौकिक रूप के लिए जाना जाता है।
 

सराहां के वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रैस क्लब पच्छाद के अध्यक्ष रमेश शर्मा बताते हैं कि इस मंदिर में श्रद्धालुओं का हमेशा तांता लगा रहता है। प्रायः हर शनिवार तथा मंगलवार को श्रद्धालु यहां अपनी ग्रह शांति के लिए हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं।
महन्त परमेश्वर दास के सान्निध्य में इस मंदिर को नई पहचान मिली है। इस तपोस्थली पर निरन्तर धार्मिक अनुष्ठान,संत समागम,लंगर, भण्डारे, कीर्तन, हवन-यज्ञ इत्यादि का आयोजन होता रहता है।इन आयोजनों की व्यवस्था में जोहाना गांव के निवासी बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं।

गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस के अनुसार हनुमान जी इस सृष्टि में वर्तमान में भी अमर हैं कलियुग में वह भगवान श्री राम जी की भक्ति से विशेष प्रसन्न होते हैं। मानव मात्र के जीवन से नकारात्मक तथा तांत्रिक शक्तियों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए श्री हनुमान जी की पूजा ही सर्वश्रेष्ठ उपाय है।

लेखक -सुभाष चन्द्र शर्मा खदरी बिक्रम बाग़।