जलग्रा टब्बा, भटोली, डंगोली और लम्लेहडी में पोषण माह जागरूकत शिविर आयोजित
पर्यवेक्षकों ने बताया कि इस बार पोषण माह पांच थीम पर आधारित है जिसमें एनीमिया, वृद्धि निगरानी, उपरी आहार, पोषण भी पढ़ाई भी और बेहतर प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी शामिल है। शिविर में पोषण अभियान के पांच सूत्र - सुनहरे 1000 दिन, एनीमिया प्रबंधन, डायरिया रोकथाम स्वच्छता, और पोष्टिक आहार के बारे में जानकारी दी गई। संबंधित पर्यवेक्षकों ने बताया कि कुपोषण से लक्षित वर्गों को बचाने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महिला एवं बाल विकास द्वारा आंगनवाड़ी स्तर, पर्यवेक्षक वृत्त स्तर तथा परियोजना स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं जिनके माध्यम से लक्षित वर्गों को पौष्टिक आहार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रमों की सफलता के लिए जहां जन-जन का सहयोग आवश्यक है वहीं जन प्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंधन समितियों, सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों तथा समस्त सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की समावेशी भागीदारी अपेक्षित है। उन्होंने लोगो को बेटी बचायो बेटी पढ़ाओ अभियान के बारे में जागरूक किया द्य
इन शिविरों में बताया गया की समय-समय पर गर्भवती, धात्री एवं नवजात शिशु का हेल्थ चेकअप करवाना अति आवश्यक है तथा उनका समय पर वैक्सीनेशन व टीकाकरण भी करवाया जाना आवश्यक है। गर्भवती, धात्री एवं नवजात शिशुओं को संतुलित पौष्टिक आहार लेना चाहिए, आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट के साथ-साथ मिनरल्स युक्त, कैल्शियम, आयरन युक्त आहार लेना चाहिए तथा कुपोषित और अल्प कुपोषित बच्चों की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए और उन्हें किसी विशेषज्ञ डॉक्टर व डाइटिशियन से परामर्श करके उचित उपचार करवाने के साथ-साथ पौष्टिक आहार देकर उसके स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है। उन्होंने सभी को निरोग रहने के लिए योग के महत्व के बारे में अवगत करवाया। शिविरों में गर्भवती महिलायों की गोदभराई की गयी ताकि लोगो को जागरूक किया जा सके।
इस अवसर पर संबधित ग्राम पंचायत प्रधान, स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, आयुर्वेदिक डॉक्टर, महिला मंडल के सदस्य, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य उपस्थित रहे।